इस बार जब बजट में कुछ विरोध जैसा दिखा नहीं तो आ गए जातिवाद का कीड़ा लेकर । कुछ महाधूर्त बिकाऊ ट्वीट दिहाड़ी जो केवल जातिवाद का जागर फैलाते हैं उन्हें अब वित्त मंत्री , रक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्री के पद पर भी आरक्षण चाहिए। जहां एक तरफ बजट देश के हर नागरिक के लिए है वहां इन दुष्ट दुरात्माओं का कहना है कि देश के खजाने पर अधिकार केवल अगड़ों का क्यों? तो हे महामूर्खों क्या incom टैक्स की छूट, लोन तथा अन्य सुविधाएं केवल अगड़ों को दी जा रही है...
और ये दलित , आदिवासी, OBC करने वाले तब जहां मर जाते हैं जब कांग्रेसी एक आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करते हैं, OBC PM की तो बात छोड़ ही दो उन्हें गाली दिए बिन तो इन जाहिलो का खाना नहीं पचता। सही देखा जाए तो ये जातिवादी कीड़े पूरी तरह नंगे हो चुके हैं और इनकी बातों में आकर इनके पीछे चिलम पुकार करने वाले या तो बिकाऊ हैं या दिमाग से पैदल "स्लीपर सेल" इन अकल के अंधों को ये भी नहीं दिख रहा कि बजट का स्वागत राष्ट्रपति जी कर रही है जो आदिवासी समाज हैं।