प्रयाग राज महाकुंभ में दुर्भाग्यवश भगदड़ हुई जिसमें कुछ श्रद्धालुओं की अकस्मात मृत्यु हो गई, इस घटना के बाद अलग अलग प्रकार का बयान आए, अलग अलग लोग अपनी सोच के अनुरूप उस घटना को अपने हिसाब से देखने लगे , जमकर राजनीति हुई और कथित शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने तो योगी जी से इस्तीफा मांग लिया.. वही बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने भी एक बयान दिया जिसपर कुछ लोगों बिफर गए.. इस पोस्ट में हम समझेंगे कि उनका बयान कहां गलत है..?
धीरेंद्र शास्त्री जी ने कहा कि "जो गंगा किनारे भगदड़ में मारे हैं वह मरे नहीं बल्कि उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ है" इस बयान पर कुछ लोग अनर्गल प्रलाप करने लगे यहां तक की शंकराचार्य के पद पर आसीन फर्जी बाबा अविमुक्तेश्वरानंद ने तो धीरेंद्र शास्त्री जी को ही कुचलकर मारने वाली बाते कह दी, लेकिन क्या जिन्होंने अपनों को खोया है उन्हें सांत्वना देने के लिए धीरेंद्र शास्त्री जी का मोक्ष की बात करना है गलत है? आखिर कैसे सांत्वना दोगे मृतकों के पीड़ितों को क्या योगी जी के इस्तीफे से सांत्वना मिलेगी? क्या जो गंदी गिद्ध वाली राजनीति की जा रही है उससे सांत्वना मिलेगी?
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर ने क्या गलत कहा जो कुछ धूर्त कपटी लोग उन्हें अपमानित करने का प्रयास कर रहे है! दुखद है उनकी मृत्यु जो भगदड़ में मारे गए लेकिन अब वो वापस तो नहीं आ सकते तो क्यों उनके मोक्ष को कामना नहीं की जानी चाहिए? यदि महाकुंभ स्थली पर खड़े होकर उनके प्रति संवेदना दिखाते हुए उनकी मोक्ष की कामना की जाएं तो क्या उन्हें मोक्ष नहीं मिलेगा? यदि आप भी सहमत हैं बाबा बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी से तो मृतकों के लिए ईश्वर से मोक्ष की कामना करें और षड्यंत्रकारियों तरह इस घटना पर राजनीति करने वालों के सर्वनाश की भी कामना जरूर करें.. खासकर कुंभ स्थल पर खड़े होकर मा गंगा के पवित्र जल को हाथ में लेकर...कामना पूरी अवश्य होगी..

