हिंदुओं को अनेकों बार जेहादियों को पहचान उनसे दूर रहने अर्थात उनके बहिष्कार के लिए समझाया जाता है लेकिन कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं हो सकती। खबर बाराबंकी यूपी की है जहां एक बुजुर्ग हिंदू व्यक्ति शेविंग कराने जाता है लेकिन एक मुस्लिम नाई जिसका नाम आदिल बताया जा रहा है वह उनकी गर्दन पर उस्तरा चला देता है और जब वह लहूलुहान हो जाते हैं तो उन्हें दुकान के बाहर छोड़कर दुकान बंद करके भाग जाता है।
मजे की बात देखी कि अब उस नाई को पुलिस द्वारा मनोरोगी बताया जा रहा है। ऐसे कैसे मनोरोगी है जो हिंदुओं को ही टारगेट करते हैं..? कभी हिंदू मंदिरों पर हमले करने वाला तो कभी हिंदू देवी देवताओं और शास्त्रों के विरुद्ध जहर उगलने वाला मनोरोगी हो जाता है और अब एक हिंदू बुजुर्ग का गला काटने वाला नाई जो न जाने कितने लोगों की हजामत करता है वह भी मनोरोगी हो गया.....वैसे सही मनोरोगी तो वह हिंदू है जो जिहादियों को पहचानने को तैयार नहीं उनका बहिष्कार नहीं कर पा रहे