कॉन्ग्रेस लगातार चुनावों के पहले जमकर रेवड़ियों का ऐलान करती है और जनता भी इनके झांसे में आकर इन्हें खटाखट वोट देती है लेकिन उसके बाद जनता को जो खटाखट कांग्रेस देने की बात करती है वो कांग्रेस क्या करती है वो कोई भी समझदार व्यक्ति आसानी से देख और समझ सकता है... कर्नाटक में पहले कांग्रेस ने खटाखट बस का बाद बढ़ाया और अब खटाखट मेट्रो के भाड़े को भी 45% तक बढ़ा दिया... को खटाखट...
दिल्ली में चुनाव आने वाले हैं और वहां भी कांग्रेस ने खटाखट ऐलान किया है अब देखना ये है कि दिल्ली कि जनता इनके खटाखट में चक्कर में फंसती है या समझदारी के साथ खुदको बचा पाती है.? पार्टी कोई भी हो लेकिन जनता को किसी भी छोटी लालच में फंसकर गलत नेता चुनकर अपने राज्य और देश का भविष्य नहीं बिगाड़ना चाहिए अन्यथा भविष्य तो जनता का भी अंधेरे का शिकार होगा
कर्नाटक सरकार द्वारा फ्री बस यात्रा की रेवड़ी बाँटने के बीच अब आम जनता पर और बोझ डालने की तैयारी हो गई है। सरकार द्वारा फ्री यात्रा की सुविधा का ऐलान करने के बाद सरकार का खजाना खाली हो गया था और अब इसे भरने के लिए कर्नाटक सरकार ने जनता के परिवहन खर्च को बढ़ाने का कदम उठाया है। कर्नाटक में राज्य परिवहन निगम द्वारा बसों का किराया 15 प्रतिशत बढ़ाए जाने के बाद अब बेंगलुरु मेट्रो (Namma Metro) के किराए में भी 45 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जाएगी। यह वृद्धि 20 जनवरी से लागू होने की संभावना है, जिससे मेट्रो में सफर करने वालों को बड़ा झटका लगेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) ने 17 जनवरी को अपनी बोर्ड मीटिंग में मेट्रो किराए में 45 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव मंजूर किया है। इस वृद्धि के तहत, मेट्रो का न्यूनतम किराया 10 रुपये से बढ़कर 15 रुपये हो जाएगा, जबकि अधिकतम किराया 60 रुपये से बढ़कर 85 रुपये हो जाएगा। इस वृद्धि का कारण मुख्य रूप से ऑपरेशनल खर्चों में बढ़ोतरी बताया जा रहा है। बिजली के खर्च और पुराने बुनियादी ढाँचे की मरम्मत में हो रही वृद्धि को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
BMRCL अधिकारियों के अनुसार, नए किराए की घोषणा जल्दी ही की जाएगी और यह बढ़ोतरी 20 जनवरी से लागू हो सकती है। इसके अलावा स्मार्टकार्ड उपयोगकर्ताओं को 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जो मेट्रो यात्रा को थोड़ा सस्ता बनाए रखने में मदद करेगा। हालाँकि यह फैसला यात्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है, क्योंकि 45 प्रतिशत की वृद्धि एक बड़ा बदलाव है और इस कारण बेंगलुरु में मेट्रो के उपयोगकर्ता खर्च बढ़ने से परेशान हो सकते हैं।
इस फैसले का सोशल मीडिया पर विरोध भी हो रहा है। लोग कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार की मुफ्त की रेवड़ियों को लेकर तंज भी कस रहे हैं।
शिल्पा नाम की एक्स यूजन ने इसे ‘खटा खट कॉन्ग्रेस मॉडल’ करार दिया।
सिद्दाराम नाम के यूजर ने इसे कॉन्ग्रेस की कार्यप्रणाली करार दिया है। उन्होंने नम्मा मेट्रो के किराए की बढ़ोतरी को जनता के साथ धोखा कहा।
बसों में बढ़ाया गया था 15 percent किराया
इससे पहले, कर्नाटक सरकार ने 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी बसों के किराए में की थी, और इसके पीछे भी वही कारण थे – ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और कर्मचारियों के खर्च में वृद्धि। कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने बताया था कि इन बढ़ती लागतों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, ताकि राज्य परिवहन निगमों की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया जा सके। इन परिवहन सेवाओं में लगातार बढ़ती लागत के कारण राज्य सरकार को यह निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने बताया कि ईंधन और कर्मचारियों के खर्च में बढ़ोतरी के कारण राज्य परिवहन निगमों को लगभग 74.84 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था, जिसे भरने के लिए यह कदम जरूरी था।
मेट्रो और बसों के किराए में बढ़ोतरी का यह कदम तब उठाया गया है, जब कर्नाटक सरकार ने अपने नागरिकों को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी थी और अब इसे भरने के लिए आम आदमी को और अधिक खर्च उठाना पड़ रहा है। इस बढ़ोतरी का प्रभाव केवल मेट्रो और बसों के यात्रियों पर नहीं पड़ेगा, बल्कि बेंगलुरु शहर के ट्रैफिक और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। कई लोग पहले ही बढ़ते हुए किराए की वजह से मेट्रो और बसों के उपयोग में संकोच कर सकते हैं, जिससे निजी वाहन उपयोग में वृद्धि हो सकती है और इससे शहर में ट्रैफिक की समस्या और बढ़ सकती है।