स्विट्ज़रलैंड में अगले महीने यानी नए साल से सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का ओर नक़ाब बैन हो जाएगा। यूरोप में सबसे पहले फ़्रांस में ये बैन हुआ। अब एक के बाद एक देश इसे बैन करते जा रहे हैं। सभ्य समाज की मान्यताओं, औरतों की आज़ादी, उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा ज़रूरतों से एक सीमा से ज़्यादा समझौता करने के मूड में आधुनिक देश क़तई नहीं हैं।
भारत भी अनंत काल तक उल्टी दिशा में नहीं चल सकता। यहाँ वोट बैंक के चक्कर में सेक्युलरिज्म का चेहरा बिगाड़ दिया गया है। इस्लामिक देशों में भी इस पर बहस है। रईस लोग नहीं पहनते। मुसलमान बहुल ट्यूनीशिया, ताजिकिस्तान आदि में बुर्का बैन है। भारत में भी इलीट, शिक्षित और अमीर मुसलमानों में ये समस्या नहीं है। ये ग़रीबी और अशिक्षा ये जुड़ी समस्या है।