यही नन कल आपके बच्चों की टीचर बनकर उनको व्यभिचार करने की ट्रेनिंग देगी........हम लोग तो महंगी फीस देकर गर्व करते हैं कि हमारा बच्चा अंग्रेजी बोलने वाली नन के देखरेख में पढ़ रहा है.......पर यह नहीं पता कि नन दरअसल पादरी की भोग दासी होती है........
इनके अवैध बच्चों के लिए ही हर चर्च में अनाथालय होता है........इन बच्चों को विदेश के कोठे पर बेच दिया जाता है। ईसाईयत का यही योगदान है.........इसीलिए हमारे देश के मेरिट धारी वर्ग ने संविधान सभा में बैठकर 👉🏽ईसाईयत को धर्म का दर्जा दिया और धर्म परिवर्तन के लिए तरह तरह के संवैधानिक प्रोत्साहन दिए।