कुछ हिंदुओं को भाईचारा और सेक्युलरिज्म निभाने का बड़ा शौक होता है और ऐसे हिंदुओं को इस शौक की उचित कीमत भी चुकानी पड़ती है। मामला कर्नाटक का है जहां एक हिंदू ने भाईचारा निभाते हुए अपनी जमीन पर एक मुस्लिम के शव को दफनाने दिया और अब इस भाईचारे के परिणाम स्वरूप उसे अपनी 18.60 एकड़ जमीन से हाथ धोना पड़ा क्योंकि वक्फ ने अब उसकी 18.60 एकड़ जमीन अपने नाम कर ली।... जय हो सेक्युलरिज्म...
हिंदुओं को लगातार समझाया जाता है कि इस जेहाद वायरस से बचने का प्रयास करें, जेहादियों को पहचानें और इनसे उचित दूरी बनाएं लेकिन बहुत से हिंदू ये बातें तब तक नहीं मानते जब तक वो खुद जेहाद का शिकार नहीं हो जाते। हिंदुओं को थोड़ा सा सजग होना चाहिए और जेहादियों को पहचान उनसे उचित दूरी बनानी चाहिए अन्यथा ऐसे ही ये हमें अपना शिकार बनाते रहेंगे
वक्फ बोर्ड की मनमानियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। उसके द्वारा शक्तियों के दुरुपयोग का एक और मामला प्रकाश में आया है, जहां कर्नाटक के बीदर में वक्फ बोर्ड ने किसान की 18.60 एकड़ जमीन पर अपना दावा ठोंक रखा है। वक्फ बोर्ड ने किसान कृष्णमूर्ति की मानवता दिखाने की गलती का फायदा उठाया, जिसमें उन्होंने करीब 30 साल पहले एक मुस्लिम के शव को अपनी जमीन पर दफनाने दिया था। अब उसी को आधार बनाकर वक्फ बोर्ड ने किसान की जमीन को अपने नाम पर कर लिया है।......