अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में संवैधानिक व्यवस्था के तहत एससी, एसटी, ओबीसी और EWS आरक्षण लागू होकर रहेगा। वहाँ का 50% मुस्लिम रिज़र्वेशन जाएगा। आज इसका रास्ता साफ़ हो गया।इन वर्गों की हकमारी का जो क़ानूनी बंदोबस्त इंदिरा गांधी के समय यानी 1981 में हुआ था, वह ज़्यादा दिन नहीं टिकेगा। पुराना नियम है। हटाने में टाइम लगता है। पर कार्य प्रगति पर है।
हालाँकि इसके कारण एससी, एसटी और ओबीसी का लाख से ज़्यादा सीट का नुक़सान अब तक हो चुका है। अब तो ईडब्ल्यूएस का भी हर साल घाटा हो रहा है। एएमयू क़ानून से बनी सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। पूरी तरह केंद्र सरकार के पैसे से चलती है। संविधान तो लागू होगा। कई लोगों ने अभी सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला पढ़ा नहीं है। आज एएमयू का फैसला नहीं हुआ है। अभी सिर्फ़ नियम बताए गए हैं कि कौन सा संस्थान माइनॉरिटी हो सकता है। आज का जजमेंट है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर नई बेंच बनाई जाएगी। उस फ़ैसले का इंतज़ार करें। अभी जो लोग जश्न मना रहे हैं, वे जल्दबाज़ी में है।
दिलीप सी मंडल

