दुसरे क्यों न हमारे त्योहारों का मजाक बनाये जब हम खुद हीउनका मजाक बनाते है। विधर्मियो से ज़्यादा खड़ा इस टाइप के हिन्दू से है ,इन लोगो पर भी एक्शन होना चाहिए। रिश्तो की तरह मान्यताये भी एक मजाक का हिस्सा बन गई है अब
हमारे त्योंहारों का मजाक क्या वाकई दूसरे बनाए हैं या हम खुद ही ....
October 20, 2024
0