उसने 7 सीट पर अपने प्रत्याशी उतार दिए बिना पूछे और जो 2 सीट वो राहुल को दे रहा उसमें भी कह दिया कि ये भी मेरे ही चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे।अखिलेश को अब आभाष हो रहा है कि कांग्रेस उससे तुष्टिकरण वोट को छीन रही है।
हालांकि हम तो लोकसभा के समय से ही बता रहे कि कांग्रेस का प्लान यही है कि इंडी गिरोह नामक झुनझुना बजाकर वो धीरे धीरे सबसे तुष्टिकरण वोट को अपनी तरफ कर ले।ये बात ममता सबसे पहले समझ गयी थी इसलिए उसने कोई ठगबंधन इस नई लीग से नही किया था।
महाराष्ट्र में भी इस नई लीग ने खेल कर दिया। जिस उद्धव को भाजपा ने 124 सीट 2019 में दी थी वहां लीग ने चालाकी दिखा उसे 85 सीट ही दी जबकि उधव चाहता था कि उसे 100 सीट से ज्यादा मिलें और वो बड़ी पार्टी कहलाये।