दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन सच है की सनातन का सबसे ज्यादा अपमान खुद हिंदू ही करता है।हिंदू अपनी परंपराओं को मन मुताबिक तोड़ मरोड़कर अपने एंटरटेनमेंट के लिए बदल देता है जिसके कारण हमारे धर्म और परंपराओं का अपना होता है और विधारमियों को अवसर मिलता है हमारे धर्म , परंपराओं, रिवाजों पर प्रश्न चिन्ह लगाने का । अब हर जागरूक हिंदू को खुद भी ये सब बंद करना होगा और अन्य सबको भी सनातन का अपमान करने से रोकना होगा जैसा की कुछ जगहों कर जागरूक हिंदुओं द्वारा किया जा रहा है
अनेकों हिंदू गलत होता देख भी चुप रहते हैं या अधिक से अधिक मन में हो कुछ बोल लेते हैं लेकिन ये समाधान नहीं हैं। हिंदुओं को अपने धर्म के प्रति सजग रहना होगा और जहां भी कुछ गलत होता दिखे आवाज उठानी होगी। जागरातों में, गणेशोत्सव, नवरात्र, राम लीला, एवं अन्य त्योंहारों का कैसे रूप खुद हिंदुओं ने विकृत किया है ये बताने की आवश्यकता नहीं लेकिन अब ये सब रुकना चाहिए और हमारे त्योंहार / परंपराएं बिलकुल पवित्रता से मनाई जानी चाहिए।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई गणेश पंडालों में गणेश उत्सव के समय लोग रात्रि में जुआ खेलते पाए गए हैं कई लोग गणेश जी की विदाई के समय नशे में दुख होते हैं और भद्दे गानों पर भद्दे तरीके से डांस करते हैं, गणेश पंडालों तक में गंदे गाने मूर्ख हिंदुओं द्वारा जाते हैं , नवरात्र के समय किस प्रकार से अश्लीलता का प्रदर्शन किया जाता है यह बताने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है, जगराते, राम लीला जैसे पवित्र आयोजन से भी कुछ आपत्तिजनक खबरें आ चुकी हैं जो के बिलकुल उचित नहीं है।
हिंदुओं को पूर्णतः जागरूक होकर अपने धर्म, संस्कार और परंपरों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना होगा अन्यथा भयानक दुष्परिणाम हमें ही भुगतने पड़ेंगे