समझ नहीं आता की बेवकूफ ये हैं या उन्हें वोट देकर सत्ता में लाने वाले। एक तो हिमाचल की आर्थिक स्थिति को बिगाड़ दिया उल्टा स्कूल खोलने और अस्पताल खोलने को हो आर्थिक स्थिति बिगाड़ने का कारण बताते हैं..? और तो और 8500 हर माह देने, 1 लाख सालाना देने की बात करने वाले बिजली , पानी माफ करना को कुप्रबंधन "घोटाला" बता रहे हैं 👇
अपनी गलतियों को छुपाने के लिए झूठ बोलकर जनता को बरगलाना कहां तक उचित है? अपने आप को सही बताने के लिए क्या अब अस्पताल और स्कूल बनाने को भी गलत बताएंगे ये लोग? जनता को फ्री की रेवड़ी बांटने के बड़े बड़े वादे करने वाले अब जनता को फ्री बिजली , पानी देने को भी घोटाला बताएंगे? और क्या जनता इनकी बातें मान लेगी.?