भाजपा वाले महिलाओं को घर मे बन्द रख खाना भर बनवाने चाहते हैं।दरअसल वेरोनिका का शौहर वही इंसान है जो पूछता था कि आरएसएस में आपने निक्कर वाली महिला देखी?क्योंकि बचपन से उसके दिमाग मे आजादी का मतलब यही है।
उसे ये नही दिखेगा कि आज फाइटर पायलेट लड़कियां हैं। ISRO की टॉप वैज्ञानिक महिलाएं हैं। ओलंपिक जैसे खेलो में महिलाएं ज्यादा छाई रहती हैं। सरकार की जितनी योजनाएं हैं जैसे मुद्रा, घर आदि उनमे महिलाएं ज्यादा हैं। सरकार ड्रोन दीदी बना रही महिलाओं को। सरकार लखपति दीदी बना रही महिलाओं को। कुटीर उद्योगों में महिलाएं काम कर रही हैं। MNCs में महिलाएं काम कर रही हैं।
सबसे ज्यादा सांसद/विधायक महिलाएं हैं जिन्हें अब 33% आरक्षण भी भाजपा ने दिया है। आज बेटियां ही टॉपर ज्यादा होती हैं।
आप कोई भी फील्ड उठाओ और देखो कि महिलाओं की हिस्सेदारी दिन रात बढ़ रही है।
लेकिन ये सब महिलाओं को घर मे रखना है।
असली आजादी तो वो है कि महिलाएं बार जा सकें।
तब जाकर मदरनंदन मानेगा कि महिलाएं आजाद हो गयी क्योंकि अब वो घर-बार जा सकती हैं।
और मैं मजाक नही कर रहा। किसी भी नालीवादी को इस देश मे आजादी इसलिए तो नही लगती खासकर भाजपा राज में क्योंकि नालीवादी के हिसाब से महिला जब तक अय्याश टाइप की न हो, तब तक वो आजाद नही है। तब तक पितृसत्तात्मक समाज ने उसके जीने पर पाबंदी लगा रखी है।
मदरनंदन भी इसी माहौल में बड़ा हुआ है तो उसके दिमाग मे भी यही नालीवादी कीड़ा है।