अत्यंत ही शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है यह खबर की भारत के ही संरक्षित (ASI द्वारा) स्थल पर भी भारत के स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर भारत का तिरंगा झंडा नहीं फहराया जा सकता। प्रशासन ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी की इस स्थल पर तिरंगा झंडा फहराना शांति व्यवस्था को बिगाड़ सकता है..! क्या यही है 78 वर्ष बाद आजाद भारत..? 👇वीडियो देखने हेतु क्लिक करे👇
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आप समझ ही रहे होंगे की शांति व्यवस्था खराब क्यों होगी और किन के कारण होगी..! लेकिन फिर भी वह अशांतिप्रिय दुष्ट मानसिकता अपने आप को शांतिप्रिय कहती है और राष्ट्रभक्त कहलवाना चाहती है। एक तरफ प्रधानमंत्री जी घर-घर में तिरंगा फहराना चाहते हैं और दुर्भाग्य देखिए को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर स्थित जयचंदी किले में तिरंगा नहीं फहराया जा सकता इससे अशांति फेल सकती है... क्या इसी आजादी के लिए बलिदान हुए थे लाखों आजादी के परवाने?? क्या वाकई भारत आजाद है या फिर एक दुष्ट मानसिकता को गुलाम बनने की तरफ अग्रसर हो रही है