कल जब खबर आई कि जर्मनी में ईसाइयों के त्योहार पर आतंकी हमला हुआ है और एक व्यक्ति ने चाकू मार कर तीन लोगों को कत्ल कर दिया जिसमें दो बच्चे हैं तभी सोचा कि यह कृत्य शरणार्थियों में से ही किसी एक का हो सकता है। हालांकि 24 घंटे तक हत्यारे की पहचान नहीं बताई गई थी
लेकिन अब जर्मनी सरकार में और जर्मनी की मीडिया ने बता दिया की हत्यारा सीरियाई मूल का व्यक्ति था जो शरणार्थी बनकर जर्मनी आया था और सीरिया में युद्ध के चलते जर्मनी सरकार में उसे शरण दे दिया था उसी ने तीन जर्मन लोगों की हत्या किया और उसका नाम ईसा अल हसन था।
जर्मनी के कई अखबार और कई मीडिया पर पैनलिस्ट भारत का उदाहरण देकर कह रहे हैं की आपको भी भारत की तरह उनके लिए बुलडोजर नीति बनानी पड़ेगी और हां पप्पू का पाला हुआ पिल्ला जर्मन शेफर्ड इस पर कुछ नहीं कहेगा इस पर कोई वीडियो नहीं बनाएगा जबकि यह जो घटना हुई है वह जहां रहता है वहां से सिर्फ 4 घंटे की दूरी पर हुई है
लेकिन वो पिल्ला इस पर कोई वीडियो नहीं बनाएगा..