कन्हैयालाल, उदयपुर... याद है या भूल गए? कोई बात नही आप भले ही भूल जाओ लेकिन वो भूलने नहीं देंगे। आज दी उसी शांत शहर कहे जाने वाले उदयपुर से ऐसी घटना सामने आई है को आपको सोचने पर मजबूर कर देगी, आपके मन में डर भर देगी की क्या आपके बच्चे स्कूलों में सुरक्षित है? एक 10 वीं क्लास के मुस्लिम लड़के ने दूसरे हिंदू छात्र पर इंटरवल में चाकुओं से कई बार कर दिए जिसके बाद हिंदू छात्र को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। क्या है हिंदुओ की जान की कीमत? कोई भी जेहादी कभी भी जान ले सकता है।
क्या स्कूल में बच्चे चाकू लेकर जाते हैं? मुस्लिम छात्र ने इंटरवल में मौका देखकर हिंदू छात्र पर हमला किया यानी वह पहले से पूरी प्लानिंग में था! यह कोई साधारण मामला नहीं बल्कि यह एक टारगेट किलिंग का प्रयास है। लेकिन दुर्भाग्य की इस मुस्लिम छात्र को नाबालिक होने का लाभ मिलेगा और हमारा कानून इसे कोई ठोस सजा नहीं दे पाएगा। वैसे कन्हैयालाल के हत्यारों को क्या अब तक हमारा कानून सजा दे पाया? क्या यही कानून है जो हिंदुओं की रक्षा करेगा? विचार जरूर करें हिंदू.. ये मानसिकता स्कूलों में हो या चाहे जहां कभी भी खतरा बन सकती है। इस जेहादी मानसिकता का इलाज सरकार और प्रशासन तो नही करेंगे, यादि करना चाहते तो कब का कर देते। इस मानसिकता से हिंदुओं को खुद ही अपने आप को बचाना होगा, इस मानसिकता का हर लेवल पर बहिष्कार करना होगा, इस दरिंदगी भरी मानसिकता के प्रतिकार के लिए भी प्रतिबद्ध होना होगा, अन्यथा ये ऐसे ही हमें शिकार बनाते रहेंगे