सोचिए, आज से 48 वर्ष पूर्व जब बड़े-बड़ों ने भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए न्यूयॉर्क के मैनहटन में जमीन देने से इनकार कर दिया था, तब 30 साल का एक नवयुवक सामने आया और कहा - 'रथों के निर्माण के लिए दुनिया के सबसे पॉश इलाके में मैं दूँगा जमीन।'
वो नवयुवक कोई और नहीं, ट्रंप ही थे। तब जाकर न्यूयॉर्क में पहली बार जगन्नाथ रथ यात्रा संभव हुई। सबसे बड़ी बात - डोनाल्ड ट्रंप ने जो संपत्ति इस्कॉन को इस्तेमाल के लिए दी थी उसका नाम था 'पेंसिलवानिया रेलरोड यार्ड्स' और अब जो हमला हुआ है वो पेंसिलवानिया में ही हुआ है।
आप किस मिट्टी के बने हुए हैं, वो तभी दिखता है जब मौत एकदम आपके सामने से गुजर रही हो। डोनाल्ड ट्रम्प ने दिखा दिया कि ये उन शख्सों में हैं, जो विपरीत परिस्थितियों में भी लड़ना नहीं छोड़ते।
कान से छू कर मौत निकल गई, चेहरे पर खून के छींटे पड़े हैं, सीक्रेट सेविस वाले घेरे में लिए हुए हैं, हजारों समर्थक आसपास मौजूद हैं, पूरी मीडिया खिलाफ में है - फिर भी चेहरे पर ललकार का भाव और भिंचीं हुई मुट्ठी दिखाती है कि ये व्यक्ति किस मिट्टी का बना हुआ है।
इसे महाप्रभु जगन्नाथ का आशीर्वाद कहें या कोई भी दैवीय हस्तक्षेप, एक तरफ पुरी में भगवान घर से बाहर निकले हुए हैं वहीं दूसरी तरफ 5 दशक पहले उनके काम में हाथ बँटाने वाला व्यक्ति मौत के मुँह से बाहर निकला है।