क्या इंडी शासित झारखंड में जलाभिषेक करना कोई हिंसा होती है? आखिर क्यों जलाभिषेक करके लौट रहे भोले के भक्तों पर शांतिप्रिय लोगों ने हमला कर दिया? हिंदुओं की सुरक्षा कैसे होगी? क्या अब कांवड़ के साथ भी भक्तों को आत्मरक्षा हेतु साधन साथ रखने होंगे...?
Opindia की रिपोर्ट
झारखंड में भोलेनाथ पर जल अर्पित कर लौट रहे कांवड़ियों पर हमला किया गया। उनकी ट्रेन के ऊपर पथराव की भी सूचना है। यह घटना राँची से लोहरदगा के बीच हुई। कांवड़ियों ने इस मामले में प्रदर्शन किया है। हमला करने का आरोप दूसरे समुदाय पर लग रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लोहरदगा जिले से कांवड़ियों का एक समूह राजधानी राँची के पहाड़ी महादेव मंदिर गया था। यह लोहरदगा से यहाँ कांवड़ लेकर जलाभिषेक करने गए थे। इन्होने सोमवार (22 जुलाई, 2024) को राँची में जल अर्पित किया और उसके बाद घर लौट रहे थे।
यह सभी कांवडिये राँची-लोहरदगा के बीच चलने वाली ट्रेन से लौट रहे थे। रास्ते में ही कुछ युवकों ने इन पर अभद्र टिप्पणियाँ और लड़ाई झगड़ा चालू कर दिया। उनके साथ मारपीट और गाली गलौज की गई और लूटपाट भी हुई। बताया गया कि यह मारपीट रास्ते के कई स्टेशन तक जारी रही।
एक पीड़ित ने सोने की चेन खींचने का आरोप भी लगाया है। कांवड़ियों से भरी ट्रेन पर पथराव की भी सूचना है। मीडिया रिपोर्ट्स में दूसरे समुदाय को इस घटना का आरोपित बताया गया है। कांवड़ियों ने घटना से क्षुब्ध होकर लोहरदगा पहुँचने पर प्रदर्शन किया और कार्रवाई की माँग की। पुलिस प्रशासन ने कांवड़ियों को शांत करवाया है। वहीं RPF ने ऐसी किसी भी घटना की सूचना मिलने से इनकार किया है।
मामले को लेकर झारखंड भाजपा मुखिया और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भी इस मामले को उठाया है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर पुलिस से इस मामले में कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने लिखा, “रांची के पहाड़ी मंदिर में जलाभिषेक करने आए कांवड़ियों पर रांची-लोहरदगा ट्रेन में जानलेवा हमला और पथराव किए जाने की सूचना है। असामाजिक तत्वों द्वारा 2-3 स्टेशनों पर उक्त घटना को अंजाम दिया गया है। पवित्र सावन मास में शिवभक्तों के उपर ऐसा कायराना हमला निंदनीय एवं अक्षम्य है।”