भारत में कई ऐसे कानून बने हैं जो वास्तव में समाज के लिए बहुत ही घातक हैं , और उनका असर भी दिख रहा है ऐसे ही कुछ मामलों में खाप पंचायत ने आवाज उठाई है। खाप पंचायतों ने लिव इन रिलेशनशिप के विरुद्ध आवाज उठाई है, समलैंगिक विवाह और सेम गोत्र में विवाह पर प्रतिबंध की मांग की है 👇 इस वीडियो को ध्यान से सुनिए और ऐसी मांगें क्यों की जा रही हैं उन्हें समझें।
लीव इन रिलेशनशिप हो या समलैंगिक विवाह अथवा एक ही गोत्र में विवाह ये सभी भारतीय संस्कृति और भारतीय समाज के लिए ठीक नहीं हैं। भारतीय संस्कृति की सुरक्षा के लिए इन सब पर ध्यान देना जरूरी है और खाप की मांगों का समर्थन भी किया जाना चाहिए। लीव इन रिलेशन शिप जैसे घटिया कानून ने ना जाने कितनी हिंदू बच्चियों /महिलाओं की जिंदगी बर्बाद कर दी है , ये एक ऐसा कानून है जो जेहादियों के लिए अवशर बनकर आया है। समलैंगिक विवाह का तो कहना ही क्या... इससे समाज का विनाश तय है। रही बात सेम गोत्र में विवाह तो हमारे शास्त्र ही नहीं अब तो विज्ञान भी इसे गलत बता चुकी हैं।
हरियाणा की खाप पंचायतों ने लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार से मांग की है। साथ ही एक ही गोत्र में शादी करने की व्यवस्था को खत्म करने के लिए आवाज उठाई है। अगर, खाप की इन सभी मांगों को सरकार स्वीकार नहीं करेगी तो आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
हरियाणा: लिव-इन रिलेशनशिप समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए खाप पंचायतों ने मोर्चा खोल दिया है। बिनैन खाप प्रमुख, रघुबीर नैन का कहना है कि खाप प्रेम विवाह के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन माता-पिता की सहमति बेहद जरूरी है। अगर, माता पिता और परिवार शादियों में शामिल नहीं होता तो वह विवाह संस्कृति के विरुद्ध है। ऐसे विवाह को कानून में मान्यता तो है, लेकिन यह समाज और संस्कृति के खिलाफ है। इसके अलावा खाप पंचायतों की मांग है कि एक ही गोत्र (पैतृक वंश) में होने रहे विवाह पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इससे अगली पीढ़ी को वांशुकी बीमारियों और जटिलताओं से बचाना आसान होगा। विज्ञान का हवाला देते हुए कहा कि एक ही गोत्र में शादी करने से बीमारियां खत्म होने के बजाया मल्टीपल टाइम और बढ़ जाती हैं। लिहाजा, इस व्यवस्था को खत्म करने की सरकार से मांग रखी जाएगी