वाराणसी exclusive : गजब इको सिस्टम है मुसलमानों का , केवल BJP को ही नहीं बसपा के मुस्लिम उम्मीदवार को भी नकारा और पूरे वोट INDI को ...क्यों? और तो और बीजेपी के कथित कार्यकर्ताओं के वोट भी BJP को नहीं मिले। खास बात ये भी है की मोदी को हराने के लिए BSP के मुस्लिम उम्मीदवार को भी वोट नहीं दिया तो इस अजय राय को वोट दिया जिससे मुख्तार अंसारी मामले में नाराज चल रहे थे...
वाराणसी में मोदी ने सबकुछ किया सबका विकास किया लेकिन साथ केवल हिंदुओं का मिला, महादेव की कृपा से वाराणसी में हार से बच गए। लेकिन बड़ी ही रोचक सच्चाई है एक इको सिस्टम की जो हिंदुओं के लिए आंखें खोलने जैसी है। जहां एक तरफ हिंदू रोजगार, जातिवाद, महंगाई, बीजेपी के प्रत्याशी, का रोना रो रहा है वही दूसरी तरफ बड़ी गहरी तैयारी चल रही है जिसका प्रभाव इन चुनावों में साफ दिखा है और यदि हिंदू नहीं संभले तो अगले चुनावों का परिणाम सोच से परे होगा....
वाराणसी के मुसलमानों ने BJP को तो वोट नहीं दिया लेकिन BSP के मुस्लिम उम्मीदवार को भी नकार दिया और कारण था मोदी को हराने का कलेक्टिव संकल्प।
खास बात ये हैं के (BJP खास ध्यान दे, वैसे ध्यान दिया भी है इसलिए कैबिनेट में 1 भी मौकापरस्त को नहीं रखा)👇
वाराणसी लोकसभा सीट के में एक छोटा सा मुस्लिम बहुल बूथ है जिसे मदरसा रहीमिया सरैया कहा जाता है। इस बूथ पर कुल 517 वोट पड़े जिसमें मोदीजी को 8 वोट, कोंग्रेस को 507 वोट और बीएसपी को 2 वोट मिले
खास बात ये है कि इस बूथ में बीजेपी के 38 कार्यकर्ता हैं लेकिन वोट सिर्फ 8 मिले। मतलब भाजपा में मुस्लिम कार्यकर्ता केवल लाभ लेने के लिए भाजपा में हैं लेकिन न वोट खुद देते हैं और न ही दिलवाते हैं
वाराणसी संसदीय सीट के अंतर्गत वाराणसी उत्तरी, दक्षिणी, कैंटोमेंट, रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमें उत्तरी, दक्षिणी और कैंट पूरी तरह से शहरी इलाका है। वहीं सेवापुरी और रोहनिया ग्रामीण है। उत्तरी व दक्षिणी में कई इलाके मुस्लिम बहुल हैं।
कैंटोमेंट में भी कुछ हिस्सा मुस्लिम बहुल है। वाराणसी में करीब 3.52 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। इन मतदाताओं ने भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया। उसे 20 स्थानों पर इकाई में और 180 स्थानों में दहाई अंकों में मिले मतों से संतोष करना पड़ा।
इतना ही नहीं इन इलाकों ने बसपा को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया। लारी को 75 से अधिक बूथों पर शून्य वोट मिले। इतना ही नहीं 600 से अधिक स्थानों पर इकाई में वोट मिले। लारी को शून्य व इकाई में मिले वोट वाले बूथों में कई मुस्लिम इलाके भी शामिल रहे।
लारी के मुस्लिम वर्ग का होने, जाना पहचाना चेहरा होने के बावजूद पूरी तरह से नकार दिया गया। अजय राय को एकतरफा वोट मिले जबकि चर्चा थी कि मुसलमानों का एक वर्ग मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर अजय राय से नाराज है।