तीसरी बार मोदी सरकार के गठन से पूर्व मीडिया ने जो हाहाकार मचाया था कि अब मोदी एकसाथ कैसे साधेंगें नीतीश और नायडू को, सो कल ये सब कायदे से सध चुके !दोनों ही क्षत्रपों को अपने अपने राज्यों में सरकारें भी तो चलानी हैं,जो की बगैर भाजपा के चल ही नहीं सकती, सो तुम दोनों राज्यों में सरकारें चलाओ और केन्द्र में दखल मत दो !
मोदी ने,पंजाब में अपने हारे हुए प्रत्याशी और आतंकवादी वारदात में शहीद हुए स्वo बेअंत सिंह के पौत्र को मंत्रिमंडल में स्थान देकर अपने इरादे भी स्पष्ट कर दिए हैं !पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर की असफलताओं का संज्ञान लेते हुए बाहर का रास्ता दिखा कर उचित ही किया !
मोदी ने तकरीबन 72 मंत्रियों के जंबो मंत्रिमंडल में तथाकथित अल्पसंख्यकों को बाहर का रास्ता दिखा कर अपनी हनक जाहिर कर दी है !
बहुत हो चुका
"सबका साथ,सबका विश्वास" ! जो एहसान फरामोशी और दगाबाजी की सारी हदें पार कर चुकी हो उस पर अब कोई भी विश्वास नहीं करेगा !
रामपुर (उत्तर प्रदेश) के एक बूथ पर इनकी तादाद 100% थी और "पीएम सरकारी आवास योजना" समेत अन्य योजनाओं के सैंकड़ों लाभार्थी थे,लेकिन मजाल है कि भाजपा को एक भी वोट मिला हो ?
क्या अब,मोदी ढोल नगाड़े के साथ, देश और विदेश में नहीं कहेगा कि इनको 10 सालों तक पालने पोसने और देश के संसाधनों को लुटाने के बाद भी मेरे पर भरोसा नहीं किया तो मै क्यों करु?????
मोदी की तीसरी पारी अदभुद होने वाली है।
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