अयोध्या में 80% हिन्दू आबादी है. 500 साल से प्रतीक्षित श्रीराम मंदिर बनाने के बाद भी भाजपा ने इसी सीट से हार गया है। इसे सोचकर में स्तब्ध हैं और सोचने की ताकत भी समाप्त हो चुकी है। यहां के लोगों को गुंडाराज अच्छा लगता है? सैफेई महोत्सव अच्छा लगता है. बिजली, सड़क, पानी, रोजगार, बीना भ्रष्टाचार के शासन और देश की तरक्की अच्छी नहीं लगती.
अब भाजपा को भी समझ में आ गया होगा कि लोगों को केजरीवाल की तरह नौटंकी और राहुल+अखिलेश की तरह तुष्टिकरण की राजनीति चाहिए.
अयोध्यावासियों लोग आज आप पर यह आरोप लगा रहे हैं कि इन्होंने तो माता-सिता पर भी संदेह कर लिया था तो मोदी जी क्या चीज है।
लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी से ज्यादा पार्टी और PM का महत्व होता है इसलिए अपनी गलती को जस्टिफाई करने के लिए प्रत्याशी में खोट मत निकलिए...
अयोध्या को जो चाहिए था सब मिला फिर क्या करना था प्रत्याशी का? क्या को विकास हुवा है आप इस प्रत्याशी ने किया है? क्या भव्य राम मंदिर इस प्रत्याशी ने बनाया है... सुधर जाओ हिंदुओं वरना खुदको जस्टिफाई तो कर लोगे लेकिन आने वाले समय में PFI के मिशन 2047 को नहीं रोक पाओगे और अपने बच्चों को आतंकी बनते देखने के बाद खून के आंसू रोओगे... अभी भी कई आतंकी पकड़े जाते हैं जो जन्म से हिंदू होते हैं लेकिन उनका ब्रेनवाश कर उन्हें मजहबी बना दिया जाता है और दिए आतंकी।
याद रही पाकिस्तान का सपना भी एक ऐसे ही कन्वर्टेड व्यक्ति के दिमाग की उपज था... जिसने गया था सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा और फिर उसे बदल के बना दिया था सारे जहां से अच्छा पाकिस्तान हमारा। जागो हिंदू जागो आपकी एक गलती सब खत्म कर सकती है... वो तो ईश्वर को कृपा से इस बार भी मोदी हो PM बन रहे हैं वर्ना क्या होता ये सोचकर देखना
और हां अब आपके चुने हुए व्यक्ति से (सपा) करवा कर देखना अपने काम...
अयोध्या वासियों बताइए क्या कमी रह गई थी मोदी में