प्रश्न लगभग सभी को विचलित कर देगा, क्योंकि कभी किसी ने नहीं सुना की माता "कुमाता" हो जाए, लेकिन जरा सोचिए यदि माता जिसे जननी कहा जाता है जिसपर बच्चों को सही तरह से गढ़ने की जिम्मेदारी होती है वो अपनी जवाबदेही ना निभाए, अपने बच्चों को सही संस्कार ना दे और सही तरीके ना गढ़े तो क्या वो कुमाता नहीं बन जाती? क्योंकि उचित संस्कार ना मिलने से बच्चे गलत मार्ग पर चलेंगे और बर्बाद हो जाएंगे और अन्ततः उस बरबादी की कारण क्या वो माता नहीं होगी? 👇 माताएं बहनें वीडियो देखें और समझें तथा गलतियों को सुधारें क्योंकि आप ही समाज को सही दिशा दिखा सकती हैं। आप हो शिवाजी और प्रताप तैयार कर सकती हैं।
इस लेख का तात्पर्य माता "मां" इस परम पवित्र स्थान को शब्द को लज्जित करना नहीं (इतनी किसकी शक्ति भी नहीं) अपितु ये बताना है की मां "माता" इस समाज का आधार है, इस संसार की एक अति शक्तिशाली स्थिति है, और अब जो शक्ति कमजोर पड़ती जा रही है उसे इस समाज के उत्थान के लिए पुनः जागृत होना होगा अन्यथा सब कुछ नष्ट हो जायेगा। हिंदू बच्चों की स्थिति किसी से छुपी नहीं, लगातार हिंदू बच्चियां लव जेहाद की भेंट चढ़ रही हैं बच्चे नशे की आगोश में जा रहे हैं।
🙏" मां" जागो खुदको पहचानो और हमारे समाज को बर्बाद होने से बचा लो