शीर्षक पढ़कर शायद आप आश्चर्य कर रहे हों लेकिन बात बिलकुल सही है। आपने सुना ही होगा की आवश्यकता आविष्कार की जननी है। यादि वाकई आप जागरूक हैं, आप अपने बच्चों को उचित संस्कार देना चाहते हैं लेकिन गुरुकुल नहीं जा पा रहे तो आपके लिए घर पर गुरुकुल (संस्कार देना) कोई कठिन काम नहीं रही बात बहाने बनाने वालों की तो बहाना तो छोटी सी छोटी चीज के लिए भी लोग बना ही लेते हैं। .. वीडियो जरूर देखें और शेयर करें 👇
माता निर्माता भवति... ऐसा कुछ कहा जाता है , पता है क्यों? क्योंकि माता वास्तव में एक बच्चे के साथ साथ एक समाज की निर्माता हो सकती है यदि वो अपने बच्चे को उचित धर्म ज्ञान और संस्कार दे तो समाज को एक अनमोल रत्न दे सकती है लेकिन यदि वर्तमान में रील बनाने वाली माताएं हों तो समाज के लिए समाज विध्वंशक भी तैयार कर सकती है। वैसे केवल माता ही नहीं समाज के हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभानी चाहिए। संस्कार देने भी चाहिए तो गलत करने वालों का विरोध भी करना चाहिए तभी सब कुछ ठीक हो सकता है