तेरी धज्जियां उड़ा दूंगा...' सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अमानुल्लाह की रोड़छाप टिप्पणी पर पूर्व जजों ने क्यों जताई गंभीर आपत्ति
पूर्व सीजेआई, जजों ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस की रोड़छाप टिप्पणी पर जताई नाराजगी, कहा- यह जज के उस बयान का हिस्सा नहीं हो सकता जिसकी नजीर दी जाए
◆ बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों के पर गहमागहमी का माहौल है।
◆ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एजेंडे के तहत पतंजलि के खिलाफ अभियान छेड़ा है जबकि वह विदेशी कंपनियों का साथ देता है।
योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने हलफनामा देकर माफी मांग ली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया और कहा कि 'हम इतने उदार नहीं होना चाहते।'
■ कोर्ट ने कहा कि उन्होंने ऐसा तब किया जब गलती पकड़ ली गई है। सुप्रीम कोर्ट अब उन्हें दंडित करने का मन बना चुका है।
■ सुनवाई करने वाले जजों जस्टिस जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने सख्त लहजे में कहा कि आरोपियों को अंडरटेकिंग के उल्लंघन के मामले में कार्रवाई का सामना करना ही होगा।
■ आईएमए एक मामले में दोहरा रवैया अपना रहा है। उसे पतंजलि के विज्ञापन पर तो ऐतराज है, लेकिन क्रिश्चियन मिशिनरियों और विदेशी कंपनियों के भ्रामक दावों पर बिल्कुल चुप रहता है।
■ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जिन कानूनों का हवाला देकर दरअसल उनमें ही खामी है। उन्होंने कहा कि कानून 1954 में ही बना है जिसमें कहा गया है कि कुछ बीमारियों के इलाज का दावा कोई नहीं कर सकता।
■ इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने इतनी गलती है कि उसने भेदभाव किया है। जिस पैमाने पर पतंजलि और बाबा रामदेव गलत हैं, उन्हीं पैमानों पर ईसाई संस्थाओं को भी घेरा जाना चाहिए।
■ अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि इन्हीं बीमारियों को ठीक करने के नाम पर धर्मांतरण किया जा रहा है, लेकिन वहां न आईएमए की नजर जाती है और ना किसी कोर्ट की।
■ हिंदुस्तान यूनिलिवर दावा कहता है कि लाइफबॉय हैंड सैनिटाइजर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। मैंने भारतीय विज्ञापन मानक परिषद ( ASCI) में शिकायत दर्ज कराई तो उसने महाराष्ट्र के खाद्य एवं दवा प्रशासन (FDA) को ट्रांसफर कर दिया। अपडेट जानने के लिए सूचना का अधिकार के तहत जानकारियां मांगी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिस्टम विदेशी कंपनियों के लिए ऐसे ही काम करता है।
■ अब आते हैं क्रिश्चियन मिशनरियों पर। पंजाब समेत देश के करीब-करीब सभी हिस्सों में ईसाई मिशनरियों पर धोखे और लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप लगते रहते हैं।
■ आपको वहां ईसाई मिशनरियों के वीडियोज देखकर आपके पांव तले जमीन खिसक जाएगी। एक वीडियो में पास्टर अंकुर नरूला दावा करता है कि उसने 150 महिलाओं का यूटेरस बाहर आने की समस्या को खत्म कर दिया। खासकर, पंजाब में जगह-जगह पर ऐसी ईसाई मिशनरियां काम कर रही हैं जो शिविर लगाकर उन रोगों के इलाज का दावा करती हैं जिनका इलाज डॉक्टर भी नहीं कर पाए।
■ कितनी हैरत की बात है कि जिस आईएमए को पतंजलि के विज्ञापन पर इतना गहरा ऐतराज है, उसी ने उस डॉ. जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल (Dr Johnrose Austin Jayalal) को अपना अध्यक्ष बनाया था जो खुलकर ईसाई धर्म का प्रचार करता था। कोर्ट ने जयलाल को किसी धर्म की तरफदारी नहीं करने की सलाह दी थी तो वह हाई कोर्ट गया और वहां भी यही सलाह मिली।
जयलाल वही शख्स है, जिसने आईएमए प्रेसिडेंट पद पर रहते हुए क्रिश्चियनिटी टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा था, 'मैं एक मेडिकल कॉलेज में सर्जरी का प्रोफेसर हूं। इसलिए मेरे पास अच्छा मौका है कि मैं इलाज के ईसाई सिद्धातों को आगे बढ़ाऊं। मेरे पास स्टूडेंट्स और इंटर्न्स को भी गाइड करने का मौका है।' वो इस इंटरव्यू में साफ तौर पर आध्यात्मिक नजरिए से इलाज की बात करता है, लेकिन इसाइयत के तहत। वो ज्यादा से ज्यादा ईसाई डॉक्टरों, प्रोफेसरों की जरूरत पर जोर देता है।
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