आज वो कांग्रेस संविधान बदले जाने की शंका से चिंतित हैं जिन्होंने संविधान को बदला ही नहीं अपितु सबके मानवाधिकार खत्म कर दिए थे और आपातकाल की आड़ में सेकुलर शब्द को संविधान में घुसेड़ दिया था। ये आपातकाल भी इसलिए लगाया गया क्योंकि कोर्ट ने इंदिरा गांधी पर लगे आरोप को सही मानते हुए उनपार चुनाव लड़ने की पाबंदी लगाई थी।
ये है कांग्रेस का वास्तविक चरित्र, आज जो कांग्रेस लोकतंत्र की दुहाई देती है, संविधान की दुहाई देती है उसने खुद जितना लोकतंत्र और संविधान का मजाक बनाया उतना कोई सोच भी नही सकता।
वक्फ बोर्ड, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, माइनोरिटी कमिशन क्या ये सब सेकुलर भारत के संविधान के अनुरूप हैं?? सेकुलर शब्द भी जोड़ेंगे और सेक्युलरिज्म की हत्या भी करेंगे