चुनाव के पहले वादे ही तो करने हैं, क्या फरक पड़ता है चुनाव जीतने के बाद वादे पूरे करने जरूरी थोड़ी है, जनता को बेवकूफ बनाना कांग्रेस के लिए कोई नई बात तो नहीं.. हिमाचल का एक उदाहरण ही देख लीजिए
प्राण जाए पर वचन ना जाई... ये मर्यादा पुरुषोत्तम के वचन हैं और इन्हें पूरा भी वही कर सकते हैं जो प्रभु श्री राम को आदर्श मानते हों
लेकिन जो राम को काल्पनिक कहते हों, राम मंदिर का विरोध करते हों, रामसेतु तोड़ना चाहते हों वो क्या वादा निभायेंगे..?
देशवासियों आप किसी भी जाति, धर्म के क्यों न हों यदि वाकई अपने बच्चों को एक अच्छी जिंदगी देने चाहते हो तो भारत को कांग्रेस मुक्त तो बनाना ही होगा..हिंदुओं को तो सीधा धोका कांग्रेस देती ही है, बाकी मुसलमानों को भी अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस ने हमेशा ठगा ही है .