बच्चों को केवल pre school, स्कूल आदि में भेज, फीस जमा कर देना ही अभिभावकों की जिम्मेदारी नहीं है अपितु वो क्या पढ़ रहे हैं, वो क्या सीख रहे हैं ये देखना भी जरूरी है। आजकल स्थिति इतनी गंभीर है की छोटे छोटे बच्चों को माता पिता द्वारा प्री स्कूल के नाम पर किसी और के हवाले कर दिया जाता है। ये बच्चों के जीवन के ऐसा साल होते है जब उन्हें संस्कार दिए जाने चाहिए लेकिन अब संस्कार बाहर वाले ही दे रहे हैं 🤦माता पिता केवल बच्चे पैदा कर रहे हैं। GD गोयंका टॉडलर हाउस में बच्चों को गौ मांस खाने की सीख दी जा रही थी👇
छोटे बच्चों को जो सिखाया जाएगा वो उनके मन मस्तिष्क पर हमेशा के लिए अंकित हो जाएगा यानी वो उनका संस्कार बन जाएगा ऐसे में यदि इन pre स्कूल जैसे संस्थानों में बच्चों को गलत संस्कार दिए जाएंगे तो क्या होगा ये आप खुद समझ सकते हैं। यदि माता पिता नहीं देखेंगे की बच्चे क्या पढ़ रहे हैं , क्या सीख रहे हैं तो भविष्य में इसके दुष्परिणाम भी उन्हें और उनके साथ साथ पूरे समाज को भुगतने पड़ेंगे।
ये कोई पहली घटना नहीं है ऐसे अनगिनत घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं जब बच्चों को धर्म द्रोही बनाने का प्रयास किया जाता है, और समझदार अभिभावकों के कारण उन सबका भांडाफोड हुवा।