अब मुस्लिम भी करेंगे भगवान वेंकटेश्वर की सेवा! हुसैन की अर्जी के बाद रास्ता निकालने में जुटा तिरुपति बोर्ड, कहा – ये ख़ुशी की बात। यानी अब मंदिरों में भी उन्हें सेवा का अवसर चाहिए जिनके लिए मूर्ति पूजा हराम है। यादि उन्हें सेवा ही करनी है तो क्या मजहबी ठिकानों की कोई कमी है? और आस्था वेंकटेश पर हैं तो शुद्धिकरण क्यों नहीं कर लेना चाहिए?
विचारणीय प्रश्न ये है की TTD जिसपर विचार कर रही है उसके बाद क्या वो इसकी गारंटी ले सकते हैं की पवित्रता बनी रहेगी? ये जिस श्रद्धा की बात कर रहे हैं वो वाकई श्रद्धा है या कोई अल- तकिया। और क्या हिंदुओं को इसपर विचार कर इसका समर्थन या विरोध नहीं करना चाहिए...क्योंकि भविष्य में कोई समस्या हुई तो उसका भुगतान TTD वालों को नहीं हम हिंदूओंको ही करना होगा
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कहा है कि वह मुस्लिम भक्तों के तिरुपति की सेवा करने के रास्ते तलाशेंगे। ऐसा मुस्लिम भक्तों के अनुरोध पर किया जा रहा है। कुछ मुस्लिम भक्तों ने भगवान् वेंकटेश्वरा की सेवा करने की माँग बोर्ड से की है।
कुछ मुस्लिम भक्तों ने माँग की है कि उन्हें श्रीवरी सेवा करने का अवसर दिया जाए। यह एक प्रकार की कारसेवा होती है, इसमें बोर्ड हिन्दू श्रद्धालुओं को मंदिर से जुड़े कामों में लगाता है। हिन्दू भक्त इसे अपनी श्रद्धानुसार कर सकते हैं, इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इसकी शुरुआत TTD ने वर्ष 2000 में की थी। इस सेवा के तहत मंदिर प्रशासन ऐसे श्रृद्धालुओं को 60 से अधिक क्षेत्रों, जैसे कि- ट्रांसपोर्ट, साफ़ सफाई, अन्नप्रसादम और अन्य कार्यों में लगाता है।
TTD से आंध्र प्रदेश के नायडूपेट्टा के रहने वाले मुस्लिम भक्त हुसैन भासा ने यह अर्जी की है कि उन्हें तिरुपति में सेवा करने का अवसर दिया जाए। उन्होंने TTD से माँग की थी कि उन्हें भी श्रीवरी सेवा में हिस्सा लेना है। इसी को लेकर TTD के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर वी धर्मा रेड्डी ने कहा है कि वह बोर्ड से बात करके इसकी संभावनाएँ तलाशेंगे। रेड्डी का कहना है यह प्रसन्नता की बात है कि अन्य धर्मों के लोग भी भगवान वेंकटेश्वर में श्रद्धा रखते हैं और उनकी उपासना करना चाहते हैं।
वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। यह आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण ईस्वी 300 से चालू हुआ माना जाता है। यहाँ प्रत्येक वर्ष लगभग 3-4 करोड़ श्रद्धालु भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने आते हैं।