मध्यप्रदेश के बैतूल मे आरोपी सोहराब हुसैन ने आदिवासी युवक को हफ्ता वसूली के लिए नंगा करके पिटाई की।
अब प्रश्न ये उठता है की क्या सोहराब ऐसा ही व्यहवार हफ्ता वसूली के लिए किसी अपने ही समुदाय के व्यक्ति के साथ करता?
विचार कीजिए लेकिन उत्तर होगा नहीं.. क्योंकि इनकी सारी हैवानियत काफिरों के ऊपर निकलती है (कुछ अपवाद हो सकते हैं) अब भले ही ये जय भीम जय मीम का नारा लगाकर दलितों को अपना बताते जो, पिछड़ों, आदिवासियों से हमदर्दी की बातें करते हों लेकिन वास्तव में हैं तो इनके लिए वो भी काफिर ही और अवसर मिलते ही ये काफिरों के साथ ऐसा हो करते हैं जैसा MP में आदिवासी बंधु के साथ किया।
ऐसे दुष्ट जेहादियों को प्रशासन द्वारा कठोर सजा तो दी ही जानी चाहिए साथ ही हिंदुओं को इनका बहिष्कार और विरोध भी कर्म चाहिए और एकजुट रहना चाहिए ताकि ऐसे हैवान हमारे लोगों के साथ ऐसी बर्बरता न कर पाएं।
हिंदू एकजुट हो और आत्मरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हों ताकि जेहादी शक्तियां मिट्टी में मिल जाए