कूर्म द्वादशी (पौष शुक्ल द्वादशी) 22 जनवरी को भजन-कीर्तन करें, दीप जलाकर आनंदोत्सव मनाएँ...
तैयारियां जोर शोर से करो, कही कोई कमी ना रह जाए, ये अवसर जीवन में बस 1 ही बार आता है.. वो भी कई पीढ़ियों के बलिदान और संघर्ष के बाद
कूर्म द्वादशी (पौष शुक्ल द्वादशी) 22 जनवरी को भजन-कीर्तन करें, दीप जलाकर आनंदोत्सव मनाएँ...
तैयारियां जोर शोर से करो, कही कोई कमी ना रह जाए, ये अवसर जीवन में बस 1 ही बार आता है.. वो भी कई पीढ़ियों के बलिदान और संघर्ष के बाद