सैकडों किलोमीटर दूर जाकर हजारों रूपये खर्च कर सकते हो, लेकिन कभी अपने गली के, अपने इलाके के मंदिर में गये हो?
वहां सुबह शाम आरती करते हुए पंडीतजी अकेले ही घंटी बजाते ज्योती करते है। कभी चले जाओ वहां, वहां भी वहीं प्रभूजी है जो हजारों किलोमीटर दूर वाले मंदिर में है।
या फिर सिर्फ सैर सफाटे को और सोशल मीडिया पर फोटो डालकर खुद को बहुत बडा भक्त दिखाना चाहते हो? अगर ऐसा है तो उस प्रभू से कुछ न छिपा है, जितने पैसे दूरस्थ यात्रांओं पर खर्च करते हो वही अपने गली इलाके के मंदिर /धर्मशाला मे दे सकते हो।
🚩 जय श्री राम 🚩