३५० वर्षो से सभी इल्जामियों को पता था कि वो शिवलिंग पर अपने पैर धो रहे है, कुल्ला कर रहे है, किंतु किसी से नहीं कहा। और हमारे हिंदू बुद्धिजीवी बताए नही थकते कि "सभी मुसलमान एक जैसे नही होते"
बड़े दुर्भागाय की बात है की सारी सच्चाई सामने आने के बाद भी, सारी मानसिकता नग्न होकर सामने आने के बाद भी हिंदू सजग नहीं हैं, वो आज भी इस धर्म द्रोही घटिया मानसिकता का बहिष्कार नहीं कर पा रहे, बहिष्कार तो दूर कुछ तो आजभी भाईचारे का लॉलीपॉप चूस रहे हैं।
अब भी समय है हिंदुओं! जागो, सत्य को स्वीकार करो, शत्रुओं को पहचानो उनका बहिष्कार करो और आत्मरक्षा की तैयारी करो