कूर्म द्वादशी (22 जनवरी, 2024) की तिथि हमारे लिए Once in a lifetime "जीवन में एक बार" वाली तिथि है। व्यक्तिगत रूप से मुझे नहीं लगता कि मेरे जीवन में इससे बड़ा भी कोई दिन आएगा। ऐसा ही करोड़ों और लोगों को लगता होगा।
अब अगर किसी भी कारणवश आपको अपनी प्रसन्नता दबानी पड़ रही, खुलकर आह्लादित नहीं हो पा रहे हैं, if/but का प्रयोग करके हल्का-फुल्का खुश हो रहे हैं तो उस कारक को ही रिमूव करिए अपने जीवन से जो आपको आपके राम के आगमन की प्रसन्नता प्रदर्शित करने से भी रोक दे रहा है।
अन्यथा हे लिब्रांडू श्रेष्ठ,
कुछ वर्षों बाद आप खुद बैठकर पछताएंगे कि जब पूरे विश्व का सनातन हिंदू समाज 'रामोत्सव' मना रहा था, तब आप अपने लिब्रांडू कारक को रूठने से मना रहे थे।
रामलला का मंदिर बनने से खुश हैं तो लिखिए, बोलिए, रामभजन गाइए, नाचिए, आनंदित रहिए, एकदम गर्दा मचा दीजिए।
आगे और भी काम हैं, जो पूरे होने हैं।
आहुति अभी बाकी है, यज्ञ अभी अधूरा है... 🚩