आपके पास प्रत्येक अंग ही नहीं प्रति ईंच शारीरिक संरचना भी अद्भुत चमत्कार है....रचियता द्वारा प्रदत्त🕉️
स्वयं को साधारण आप स्वयं बना लेते हो साधारण कर्म करके..... आप असाधारण हो, असाधारण तरीके से ही निर्माण हुआ आपका, असाधारण तत्त्वों वायु- जल से ही पोषित हो, कुछ असाधारण ही घटित होता रहता आपमें प्रति पल प्रति क्षण.....
ऐसी अनेकों असाधारण अनुभूतियों के स्वामी हो आप.... तो फिर साधारण जीवन क्युं ?!!!!!!!!!!
इतना अद्भूत ज्ञान दिया ऋषियों ने, आप उससे अनभिग्य क्यों?!!!!!!! (वेदों की शरण में जाईये)
मातपिता-पूर्वजों ने साधारण से साधारण शब्दों में असाधारण ज्ञान दिया.... एक बार नहीं अनेकों बार दिया। उसे आपने अपने कर्मों से साधारण बना दिया..... क्यों ?!!!!!!!!!
आप असाधारण ऊर्जापुँज ! साधारण जीवन जी रहे हो..... बस अब और नहीं इस साधारणता को अस्विकार करो.....
आप उस परमात्मा की अद्भूत कृति हो..... तो अद्भूत ही रहो..... इसी में आपका, आपके कुल का, आपके ग्राम-प्रांत-राष्ट्र-धर्म का उत्थान, गौरव नीहित हैं। फिर साधारण बने रहना आपकी मजबूरी क्यों.....?!!!!!!!!
हर हर महादेव🕉️🚩