♦️सनातन सत्य♦️
👉 ये पोस्ट उन लोगों के लिए है...
जो ये कहते हैं भगवान नहीं होते हैं....
भगवान के होने के सबूत
अगर भगवान नहीं है तो आजतक कोई श्री कैलाश पर्वत पर कोई क्यों नहीं चढ़ पाया, रूस और चीन के वैज्ञानिक ने भी प्रयास किया लेकिन नहीं चढ़ पाए।
क्योंकि जैसे जैसे वो वैज्ञानिक ऊपर चढ़ते उनकी उम्र तेजी से बढ़ने लगती थी और हाथ के नाखून तेजी से बढ़ते थे और कुछ समय बाद वृद्धावस्था को प्राप्त होकर वहीं दम तोड़ देते थे।
उत्तर प्रदेश में वृंदावन के निधिवन में रात में जितने भी वृक्ष है वो सभी गोपियां बन जाती है और भगवान श्री कृष्ण वहां रासलीला करते हैं और जो व्यक्ति ग़लत तरीके से देखना चाहता है वहीं पागल हो जाता है या तड़प कर प्राण त्याग देता है।
भगवान श्री कृष्ण की द्वारका नगरी समुद्र में वैज्ञानिक ने खोजा और सिद्ध भी किया 5000 वर्ष से भी यह पुरानी है।
रूस के वैज्ञानिक Dr. Azacove ने धरती के रहस्य जानने के लिए लगभग 1200 मीटर खुदाई की और नरक की आवाज आने लगी तो खुदाई को बंद कर दिया ताकि नरक में ना पहुंच जाए।
श्रीलंका में बहुत बड़ा पांव के निशान हैं लोग बताते हैं यह भगवान श्री हनुमान जी के हैं।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में आज भी भगवान श्री राम के पांव के निशान हैं।
आकाशमण्डल से ओम की ध्वनि सुनाई पड़ती है वैज्ञानिक ने भी रिकॉर्ड किया है।
आत्मा को खोजने के लिए शरीर को चीर फाड़ कर देख लिया वैज्ञानिक ने लेकिन आत्मा नहीं मिली।
इसका मतलब कोई तो शक्ति है जो इस दुनिया को चला रही है और समय समय पर संकेत भी मिलते रहते हैं भगवान के अभी भी आपको विश्वास न हो तो प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़िए आप कुछ समय के बाद भगवान को अपने आस पास महसूस करेंगे। जीवन में जब भी बुरे परिस्थितियों में रहेंगे या गिरने वाले होंगे तो ऐसा भी महसूस होगा की भगवान ने थाम रखा है।
ईश्वर अनुभव का विषय है उसे धैर्यशाली, पवित्र और सज्जन व्यक्ति ही अनुभव कर सकते हैं।
अब कुछ लोगों की शंका होती है स्वर्ग और नरक को लेकर लेकिन आपको बता दें, हिंदू धर्म में स्वर्ग और नरक का उल्लेख गरूड़ पुराण पुस्तक में है,
मुस्लिम धर्म ग्रंथ कुरान में जन्नत (स्वर्ग) को और जहन्नम (नर्क) को कहा गया है।
ईसाई धर्म ग्रंथ में Heaven (स्वर्ग) को और Hell नरक को कहा गया है।
अब मैं यहां चैलेंज के साथ कह सकता हूं अब भी शंका केवल हिन्दू को होगी अन्य धर्म अपने धर्म का पालन करते हैं। कुछ लोग है जिनमें कुछ महिलाएं भी है ये लोग हिंदू हैं या Fake ID बनाकर उग्रवादी फैला रहे हैं ताकि सनातनी हिन्दू को कैसे भटकाया जाए ऐसे लोग से बचकर रहिए।
कभी किसी मुस्लिम ईसाई को डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के दिवस पर पूजा करते आपने देखा है क्या?
दो चार प्रतिशत ऐसे लोग होंगे जो बाबा साहब जी को पूजते होंगे।
कुछ उग्रवादी लोग जो नफरत फैला रहे हैं वो बस आपको धर्म से भटका रहे हैं।
उन लोगों पर ध्यान न दें, वो लोग पापी है जो बात बात पर हिंदू धर्म को टारगेट कर रहे हैं। वो लोग अपना कर्म ख़राब कर रहे हैं आप उनपर ध्यान न दें और हां मूक बनकर हिंदू धर्म की बुराई न सुने, संभव हो तो जवाब जरूर दें।
एक समय मुझे भी विज्ञान पर विश्वास था लेकिन भगवान के दर्शन अनुभव से मुझे इतना अटल विश्वास हो गया है कोई शक्ति है जो इस दुनिया को चला रही है।
भगवान है या नहीं यह सवाल आज भी बना हुआ है हमारे धर्म और शास्त्रों ने भगवान के होने के कई सबूत दिए हैं । लेकिन इस संसार में भगवान को ना मानने वालों की भी कमी नहीं है जो भगवान के अस्तित्व को ही मानने से मना कर देते हैं । अगर हम अध्यात्म की बात करें तो भगवान है वही विज्ञान की दृष्टि से देखें तो भगवान जैसी कोई चीज नहीं है । इसलिए सदियों से यह विवाद का विषय बना हुआ है कुछ लोगों की भगवान में अटूट श्रद्धा होती है वह भगवान के होने को पूरी तरह से सच मानते हैं जबकि कुछ लोग भगवान को एक कल्पना मानते हैं वह गीता और रामायण को कहानी से भरी किताब मानते हैं । समय-समय पर ऐसे सबूत वैज्ञानिकों को मिलते रहे जो कि जो गीता और रामायण में लिखी घटनाओं को सच साबित करते हैं फिर भी कुछ नास्तिक लोग इन सब चीजों को मानने से मना कर देते हैं । आज हम आपको भगवान के होने के सबूतों के बारें में जानकारी देगें ।
श्रीराम जी के होने के सबूत
भगवान श्रीराम जी को हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान प्राप्त है हर कोई रामचरितमानस को पूरी श्रद्धा से पढ़ता है । राम जी के होने का सबसे बड़ा सबूत रामायण है महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण में भगवान श्रीराम की पूरी जानकारी लिखी है यह भारत के सबसे प्रसिद्ध ग्रंथों में से एक है । वैज्ञानिको को रामायण में वर्णित कई घटनाओं और स्थानों के सबूत मिले हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि रामायण कोई काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि सच है अगर रामायण असली है तो भगवान राम भी है ।
रामसेतु
आप सभी ने रामायण में रामसेतु के बारे में तो सुना ही होगा जो पत्थरों से बनी श्रंखला है । इस पुल को भगवान राम जी ने समुद्र को पार करने के लिए बनाया था ।
पानी में तैरने वाले पत्थर
रामसेतु पुल के पत्थर पानी में तैरते हैं । सुनामी के बाद कुछ पत्थर जमीन पर आ गए थे यह पत्थर आज भी तैरते हैं ।
अशोक वाटिका
अशोक वाटिका आज भी लंका में मौजूद है जहां रावण ने सीता जी का अपहरण करकर रखा था । जहां सीता जी को ले जाया गया था वह जगह गुरुलपोटा है जिसे अब सीतोकोटुआ के नाम से भी जाना जाता है ।
रावण का महल
रावण के महल के अवशेष आज भी मौजूद है जिसे हनुमान जी ने लंका के साथ जला दिया था । जलने के बाद वहां की मिट्टी काली हो गई थी जबकि बाकी जगह की मिट्टी का रंग वैसा ही है ।
श्रीकृष्ण जी के होने के सबूत
भगवान श्रीकृष्ण द्वारका के राजा थे उनकी महाभारत युद्ध में एक अहम भूमिका थी । महाभारत को दुनिया का सबसे बड़ा महाकाव्य ग्रंथ माना जाता है महर्षि वेदव्यास जी ने संपूर्ण विवरण के साथ यह लिखा था । वैज्ञानिकों को रामायण में वर्णित कई घटनाओं के सबूत मिले हैं जो इसे सच मानने पर मजबूर करते हैं ।
ब्रह्मास्त्र और न्यूक्लियर हथियार
महाभारत में आपने ब्रह्मास्त्र नाम के भयंकर अस्त्र को देखा ही होगा यह अस्त्र ब्रह्मा जी द्वारा धर्म को बनाए रखने के लिए बनाया गया था । अमेरिका ने जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर को परमाणु बम बनाने को दिया था । इसके परीक्षण में धमाके का परिणाम बिल्कुल ब्रह्मास्त्र की तरह था उसके बाद वैज्ञानिकों ने भी माना इस अस्त्र का प्रयोग महाभारत में किया गया था ।
श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी
भगवान श्रीकृष्ण को द्वारका का राजा कहां जाता है और महाभारत में यह जानकारी मिलती है यह नगरी पानी में डूब गई थी । पुरातत्व विभाग को गुजरात के पास समुद्र के नीचे एक पुराना शहर मिला है सबूतों से यह पता चलता है यह द्वारिका नगरी है ।
श्रीमद्भागवत गीता
भगवत गीता के श्लोकों को पढ़े और समझे तो वह कम शब्दों में अधिक बात कह देते हैं । गीता की बातें कोई सामान्य इंसान नहीं लिख सकता श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान अर्जुन को दिया था, जो श्रीकृष्ण के होने का सबसे बड़ा सबूत है ।
जगन्नाथ पुरी मंदिर का रहस्य
इस मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी या विमान नहीं उड़ता । इस मंदिर का ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है ।
हनुमान जी के होने के सबूत
भगवान हनुमान जी आज भी जिंदा है और धरती पर मौजूद है । हिंदू ग्रंथों में सभी देवताओं के स्वर्ग जाने की कहानियां देखने को मिलती है लेकिन हनुमान जी की नहीं । कुछ महान लोगों ने उनके दर्शन भी किए हैं जिनमें तुलसीदास और स्वामी रामदास शामिल है हनुमान जी को मानने वाले लोगों का अटूट विश्वास है भगवान हनुमान वहां जरूर आते है जहां उन्हें उनके भक्त सच्चे दिल से बुलाते हैं ।
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री हनुमान चालीसा
हनुमान चालीसा में इतनी शक्ति है कि जब तक आप जप करेंगे तब तक कोई भी नकारात्मक ऊर्जा आपका स्पर्श नहीं कर सकती . इसके निरंतर जाप करने से साधक सबकुछ प्राप्त कर सकता है . अर्थात इसके जाप करने से चारों फल धर्म ,अर्थ ,काम और मोक्ष प्राप्त होते हैं ।
हनुमान चालीसा पढ़ते ही भूत पिसाच भाग जाते हैं वैज्ञानिक भी इस रहस्य को नहीं सुलझा पाए।
हर 41 साल में आते हैं
जब भगवान राम ने अपना मानव शरीर त्याग दिया था तो हनुमान जी अयोध्या से श्रीलंका के जंगलों में पिदरु पर्वत पर चले गए थे । यहां के लोगों की भक्ति और सेवा से खुश होकर उन्हें यह वचन दिया वह हर 41 साल बाद उनसे मिलने आएंगे ।
हनुमान जी के पैरों के निशान
दुनियाभर में कई स्थानों पर हनुमान जी के पैरों के निशान मिले हैं ।
श्रीलंका में हनुमान पद चिन्ह
जब हनुमान जी सीता जी की खोज के लिए समुंदर पार करकर गए थे । तो जहां उन्होंने अपने पहले पैर रखें थे वहां पैरों के निशान आज भी मौजूद है ।
लेपाक्षी में हनुमान पद चिन्ह
हनुमान जी यहां दर्द से तड़प रहे जटायु से मिले थे । यह हनुमान जी के पैरों के बहुत बड़े निशान है ।
मलेशिया के हनुमान पद चिन्ह
मलेशिया के पेनाग में एक मंदिर के अंदर हनुमान जी के पैरों के निशान मौजूद है ।
हनुमानगढ़ी
सीता माता के अपहरण के समय राम जी की मुलाकात हनुमान जी से हुई थी । उसके बाद एक स्थान पर हनुमान जी प्रतिदिन श्रीराम जी का इंतजार करते थे उस स्थान को हनुमानगढ़ी के नाम से जाना जाता है ।
मेहंदीपुर बालाजी
मेहंदीपुर बालाजी हनुमान जी का सबसे चमत्कारी मंदिर है । यहां आने के बाद बड़ी से बड़ी बीमारियां ठीक हो जाती है और रोगी बिल्कुल ठीक हो जाता है । इसका रहस्य आज तक वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए हैं ।
भगवान शिव जी के होने के सबूत
भगवान शिव जी को हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान प्राप्त है इन्हें देवों के देव महादेव कहां जाता है । भगवान शिव जी के कोई चमत्कारी मंदिर है जिनके बारे में जानकर आपको भी विश्वास नहीं होगा, जिनको देखकर वैज्ञानिक भी हैरान रह जाते हैं ।
अमरनाथ शिवलिंग
भगवान शिव का बर्फ का शिवलिंग अमरनाथ में खुद ही बनता है जो बिल्कुल असली शिवलिंग होता है । इससे साबित होता है भगवान शिव आज भी मौजूद है और शिवलिंग के रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं ।
केदारनाथ आपदा
जब केदारनाथ में आपदा आई थी तो मंदाकिनी नदी अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहाकर ले जा रही थी और वह केदारनाथ को भी बहाना चाहती थी । तभी मंदिर के सामने एक शीला प्रकट हुई और पानी दो हिस्सो में बटकर मंदिर के साइड से चला गया और मंदिर आज भी सुरक्षित है ।
कैलाश पर्वत
कैलाश पर्वत शिव का वास माना जाता है । कैलाश पर्वत की ऊंचाई एवरेस्ट के मुकाबले काफी कम है फिर भी कोई आज तक कैलाश पर्वत पर नहीं पाया है । कहते हैं वहां समय बहुत तेजी से बीतता है और दिशा भ्रम होता है । यहां ऐसी घटनाएं घटती है कि कोई आगे नहीं बढ़ पाता । लोगों का मानना है कि यहां भगवान शिव रहते हैं ।
बिजली महादेव मंदिर
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित बिजली महादेव से कुल्लू का इतिहास जुड़ा है । यह शिवलिंग पर हर 12 साल में भयंकर बिजली गिरती है जिससे शिवलिंग टूट जाता है । पुजारी मक्खन से शिवलिंग के टुकड़ों को जोड़ देता है कुछ महीने बाद शिवलिंग फिर से सही हो जाता है । यह मंदिर शिव जी के होने का बड़ा सबूत है ।
शेरावाली माता जी के होने के सबूत
शेरावाली माता जी को हिंदू धर्म में शिव जी की पत्नी के रूप में पूजा जाता है । इनको हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान प्राप्त है इनके कई चमत्कारी मंदिर आज भी मौजूद है । जहां हर दिन चमत्कार होते हैं जिस कारण इनके भक्तों में इनके प्रति अटूट श्रद्धा और विश्वास है ।
ज्वाला देवी मंदिर
ज्वाला देवी मंदिर को बेहद ही चमत्कारी माना जाता है । यहां बिना तेल और बाती के आज भी ज्वाला जलती रहती है । जिसके जलने का कारण वैज्ञानिक आज तक नहीं खोज पाए । यह कलयुग में देवी माता के होने का सबसे बड़ा सबूत है ।
वैष्णो देवी मंदिर
वैष्णो देवी मंदिर को बेहद ही पवित्र माना जाता है यह हिंदू धर्म में दूसरा सबसे ज्यादा देखें जाने वाला मंदिर है । कहते हैं यहां माता ने अपने भक्त श्रीधर को दर्शन दिए थे । इस जगह पर श्रीधर जी का मंदिर और कई स्थान आज भी मौजूद है जो माता के होने का सबूत देते हैं ।
तनोट माता मंदिर
भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय पाकिस्तान जहाजों ने तनोट माता मंदिर के आस-पास 3000 बम गिराए । जिसमें 450 बम तो मंदिर के परिसर में ही गिरे लेकिन इन 450 में से एक भी बम नहीं फटा यह बम आज भी इस मंदिर में रखे हुए हैं ।
माता के शक्तिपीठ
माता के 51 शक्ति पीठ आज भी धरती पर मौजूद है जब सती माता जी ने पिता के अपमान के कारण आत्मदाह कर लिया था । तब भगवान विष्णु जी ने उनके शरीर के टुकड़े कर दिए थे यह धरती पर जहां-जहां गिरे वह पावन शक्तिपीठ कहलाए । जोकि शेरावाली माता के होने का सबसे बड़ा सबूत है।
काल भैरव जी के होने के सबूत
काल भैरव जी को शिव का अवतार माना जाता है भगवान शिव जी ने काल भैरव को उस यज्ञ में भेजा था । जहां माता सती ने आत्मदाह किया था उन्हें देखकर सभी देवता भयभीत हो गए थे । काल भैरव काशी के कोतवाल है वह यहां की देखरेख करते हैं ।
काल भैरव मंदिर, उज्जैन
यहां आज भी भगवान काल भैरव को मंदिरा का प्रसाद चढ़ाया जाता है यह परंपरा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है । अंग्रेजो ने सच्चाई जानने के लिए उसके चारों तरफ खुदाई की लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला फिर वह भी काल भैरव जी के भक्त बन गए ।
बटुक और किलकारी बाबा भैरवनाथ मंदिर
इन मंदिरों का निर्माण दिल्ली में पांडव द्वारा किया गया था । बटुक भैरवनाथ मंदिर 5500 साल पुराना है इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है । भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को किले की सुरक्षा के लिए इस मंदिर का सुझाव दिया था । भीम किलकारी बाबा भैरवनाथ मंदिर से भैरव बाबा की जटा लाए थे और उसे बेटुक भैरव नाथ मंदिर में रख दिया था ।
काल भैरव मंदिर, काशी
काल भैरव बाबा वाराणसी में काशी के कोतवाल कहे जाते हैं । यह काशी के रक्षक है इनके दर्शन के बिना यात्रा अधूरी मानी जाती है ।
भैरव मंदिर, मेहंदीपुर
कहां जाता है कि जब किसी को भूत बाधा सताती है तो वह मेहंदीपुर जाकर इनसे मुक्त होता है । यहां केवल भगवान द्वारा रोगों से मुक्ति मिलती है । यहां काल भैरव हनुमान जी और प्रेतराज सरकार के साथ रहते हैं जो इनके होने का सबसे बड़ा सबूत है ।
शनिदेव जी के होने के सबूत
शनिदेव सूर्य भगवान के पुत्र है शनि देव को लोग भय के कारण पूछते हैं । इनकी दृष्टि जिस व्यक्ति पर टेढ़ी हो जाती है वह व्यक्ति परेशानियों से घिर जाता है । शनिदेव को न्याय का देवता कहां जाता है जो कर्मों के आधार पर फल देते हैं ।
शनि शिंगणापुर मंदिर
शनिदेव का यह मंदिर महाराष्ट्र के शिंगणापुर गांव में स्थित है इस मंदिर में साक्षात शनिदेव जी विराजते हैं । एक गांव वासी के सपने में आकर शनिदेव जी ने उन्हें अपने होने के स्थान के बारे में बताया । फिर गांव वालों ने शानिदेव के विग्रह को स्थापित कर दिया जहां आज विग्रह मौजूद है ।
घरों में दरवाजे नहीं है
शिंगणापुर गांव के लोगों का शनिदेव जी पर इतना अटूट विश्वास है कि उन्होंने अपने घरों में दरवाजे भी नहीं लगवाए हैं । क्योंकि उनका मानना है कि इस गांव की रक्षा स्वयं शनिदेव करते हैं यह शनिदेव जी के होने का सबसे बड़ा सबूत है ।
सौरमंडल में शनि ग्रह
यह तो आप सभी जानते होंगे कि शनि नाम का ग्रह हमारे सौरमंडल में भी मौजूद है । जोकि बृहस्पति के बाद सबसे बड़ा ग्रह है इसी के स्थान परिवर्तन करने से लोगों की राशियों पर ढैय्या और साढेसाती शुरू हो जाती है ।
मुरैना शनि मंदिर
जब हनुमान जी लंका जला रहे थे तो उन्होंने देखा देवताओं को रावण ने कैद करकर रखा है । वहां शनिदेव भी थे शनिदेव पैरों से कमजोर थे उन्होंने हनुमान जी से कहां उन्हें यहां से दूर पहुंचा दे । तो हनुमान जी ने उन्हें आकाश मार्ग से फेंका तो वह इस मंदिर परिसर में आकर गिरे ।
गंगाजल का खराब ना होना
जब आप किसी ऐसे स्थान से गंगाजल लेकर आते हैं जहां गंगा नदी बहती है और उसका इस्तेमाल घर में होने वाली पूजा समारोह और पवित्र कार्यों के लिए करते हैं यह जल सालों तक रखा रहता है और कभी खराब नहीं होता । गंगा भगवान शिव जी की जटाओं से निकलती है गंगाजल को अमृत के समान माना जाता है । गंगा में स्नान करने और पूजा अर्चना करने से कई पापों से मुक्ति मिलती है । वैज्ञानिक भी इस बात को मानते है गंगाजल में कई प्रकार के औषधिये गुण पाए जाते हैं । इसमें नहाने से कई प्रकार के रोग दूर हो जाता है इससे यह सिद्ध होता है कि यह भगवान के होने का सबूत है ।
सूर्यदेव के होने के सबूत
सूर्यदेव के बारे में वैसे तो किसी सबूत की जरूरत नहीं है यह तो स्वयं ही सभी लोगों के सामने रहते हैं । सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देव भी कहां जाता है ।
कोणार्क सूर्य मंदिर
शाम को ऋषि कटक ने कोण रोग के शाप से मुक्ति के लिए सूर्यदेव की पूजा की सलाह दी । शाम ने 12 वर्षों तक कोणार्क में तपस्या की सूर्यदेव ने इनके रोग का भी अंत कर दिया क्योंकि सूर्यदेव को रोगनाशक भी कहां जाता है ।
सूर्यदेव को जल चढ़ाने के फायदे
जो लोग भगवान सूर्य की पूजा करते हैं उनको जल चढ़ाते हैं उनके दीर्घायु होने के साथ उनके अंदर भगवान सूर्य के गुण आने शुरू हो जाते हैं । वह कीर्तिमान और उनका मुख भगवान सूर्य के समान ही चमकने लगता है । भगवान सूर्यदेव जल चढ़ाने वाले भक्तों के सभी रोगों को दूर कर देते हैं । वैज्ञानिक मानते हैं कि सूर्यदेव को जल चढ़ाने से ढेर सारे फायदे होते हैं ।
कर्ण का कवच और कुंडल
कर्ण सूर्यदेव जी के पुत्र थे कर्ण का जन्म कवच और कुंडल के साथ हुआ था । कर्ण को दानवीर कर्ण के नाम से भी जाना जाता है । एक बार इंद्रदेव भिक्षुक का रूप धारण कर कर्ण से उसके कवच और कुंडल मांग लेते हैं । सूर्यदेव उसे पहले ही इस बात से अगाह करते हैं लेकिन फिर भी कर्ण खुशी से अपना कवच और कुंडल दान कर देता हैं । कर्ण का उल्लेख हमें भगवत गीता में भी देखने को मिलता है अगर कर्ण है तो सूर्यदेव भी है ।
सौरमंडल में सूर्यदेव
सौरमंडल में सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देव माना जाता है । जिन्हें हम आज भी देख सकते हैं । सूर्यदेव के प्रकाश से ही यह समस्त संसार गतिमान है यह सूर्यदेव के होने का सबसे बड़ा सबूत है ।
तिरुपति बालाजी के होने के सबूत
तिरुपति बालाजी को भारत के सबसे धनवान देवताओं में से एक माना जाता है । भगवान तिरुपति बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती के संग तिरुमला में निवास करते हैं । तिरुपति बालाजी को वेंकटेश्वर, श्रीनिवास और गोविंदा आदि नामों से जाना जाता है ।
मंदिर में जलता दीपक
तिरुपति बालाजी के मंदिर में एक दीपक हमेशा ही जलता रहता है । इसमें कभी तेल और घी नहीं डाला जाता है आश्चर्य की बात है कि कोई यह नहीं जानता है कि दीपक कब और किसने जलाया था ।
मंदिर में छड़ी
मंदिर के मुख्य द्वार के दरवाजे के दाई और एक छड़ी रखी है । कहते है इसी छड़ी से बालाजी के बचपन में पिटाई की गई थी जिसके कारण उनकी थोड़ी पर चोट लग गई थी । तभी से आज तक उनकी थोड़ी पर चंदन का लेप लगाया जाता है जिससे उनका घाव भर जाए ।
मूर्ति पर खास लेप
भगवान बालाजी की मूर्ति पर एक खास तरह का पिचाई कपूर का लेप लगाया जाता है । अगर इसे किसी पत्थर पर लगाया जाता है तो वह कुछ समय बाद ही चटक जाता है लेकिन भगवान बालाजी की मूर्ति पर लेप लगाने से वह और चमकने लगती है ।
सबसे ज्यादा चढ़ावा
तिरुपति बालाजी मंदिर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाला मंदिर है इसमें सबसे ज्यादा दान भक्तों द्वारा दिया जाता है । यह भारत का सबसे अमीर मंदिर है इस मंदिर पर भक्तों का अटूट विश्वास है । मान्यतानुसार इस मंदिर में दान करने की प्रथा विजयनगर के राजा कृष्णदेवराय के समय से ही चली आ रही है । वह इस मंदिर में हीरे, सोने और चांदी का दान किया करते थे ।
एक स्वप्न अनुभव है किसी का आपके साथ साझा कर रहा हूं मुझे नहीं पता कितना में सही हूं, लेकिन समय समय पर ईश्वर अपना अनुभव हम सभी को देते रहते हैं।
कुछ लोग समझ जाते है तो कुछ लोग इन बातों को टाल देते हैं।
27 ,दिसंबर 2022 यह मेरी जिंदगी का ऐसा दिन है जो मैं आज तक नहीं भूल सकता, मैंने स्वप्न में देखा एक व्यक्ति द्वारा मंदिर परिसर में लाउडस्पीकर द्वारा उनके धर्म ग्रंथ को पढ़ा जा रहा था काफ़ी भक्तों को परेशानी हो रही थी तब मैंने कृपासिंधु भगवान श्री राम जी को धरती से प्रकट होते देखा और उस व्यक्ति को एक तमाचा अर्थात थप्पड़ मारा और वो व्यक्ति मिट्टी रूप में बदल गया जो की शेष मात्र मिट्टी ही रह गया तब भगवान श्री हरि ने कहा "तुमलोग की वजह से इतना अत्याचार और हिंसा फैल रहा है"
इतना बोलते ही भगवान अंतर्ध्यान हो गए।
उस समय लोग बहुत दुष्ट हो गए थे, बहुत उग्रवादी लोग हो गए थे। शायद यह भविष्य की हो रही घटना को दिखाना चाहती हो और बताना चाहती हो कि भगवान हैं।
भगवान जिनको अपने होने का अहसास कराना चाहते वो लोग ही समझ सकते हैं।
अब बस मैं इतना कहना चाहता हूं धर्म अपनी जगह है और संविधान अपनी जगह धर्म हमें मर्यादा में रहना सिखाती है और संविधान हमें हमारे अधिकार बतलाती है।
जय भीम 🙏
जय संविधान 🙏
हर हर महादेव 🚩
जय श्री राम 🚩