ऊपर मत आना...मैं संभाल लूँगा...!
असीमित साहस और शौर्य के साथ कहे गये ये शब्द....मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के अंतिम शब्द थे....देखिये इन आँखों में आपको भारत दिखाई देगा...कश्मीर से कन्याकुमारी तक, पूर्व से लेकर पश्चिम तक फैला हुआ अथाह भारत...एक जवान जो केरल में पैदा हुआ, कर्नाटक के बैंगलोर में पढ़ा, बिहार रेजिमेंट में नौकरी की और 26/11 के आतंकवादी हमले के वक्त मुम्बई को बचाने में बलिदान हो गया।"
वह अपने पिता से अक्सर कहा करते थे.....
"मैं एक साधारण मौत नहीं मरना चाहता..जब मैं जाऊँगा, तो सारा देश मुझे याद करेगा!"
विश्व भर की प्रशिक्षित सेनाओं की टुकड़ियों और कमांडो-दस्ते को पता है कि किसी मकान या ऊँची बिल्डिंग में छुपे बैठे दुश्मनों को मार गिराना कितना दुश्वार होता है। ऐसे ऑपरेशन उनकी ट्रेनिंग की पराकाष्ठा की परीक्षा लेते हैं। ऐसे में एक जूनियर लीडर द्वारा अपने कमान्डर को कहा गया ये संदेश आई-विल-हैंडल-देम के वक्तव्य में कितना आत्मविश्वास, भरोसा, दृढ़ता और बहादुरी का समावेश होता है...यह तो वो कमान्डर ही बता सकता है या फिर वो हीरो, जिसने ये शब्द कहे होते हैं...मगर हीरो रहते कहाँ है बताने के लिये... वो तो अनन्त में विलीन हो चुके होते है ताकि हम सुरक्षित रहे, देश सुरक्षित रहे...!
जीवन पुष्प चढ़ा चरणों पर, माँगे मातृभूमि से वर
तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहे न रहे...!
आज मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की पुण्यतिथि है उन्हें एक कड़क सेल्यूट के साथ हर भारतीय का नमन पहुँचे...जय हिंद...जय भारत..🙏❤️🇮🇳
#KnowYourHeroes #IndianArmy #HeroesInUniform