प्रधानमंत्री मोदी ने तेलांगना की चुनाव सभाओं में कहा कि राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ इन तीन तीन प्रदेशो में इंडी गतबन्धन का सफाया हो जाएगा।
मोदी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। यह ठीक है कि केन्द्र की योजनाओं का लाभ प्रधानमंत्री मोदी सबको देते रहे हैं और देते रहेंगे। किन्तु इन ०५ राज्यों के विधान सभा चुनाव में मोदी ने अपने मूल मतदाताओं पर ही विश्वास किया है।य्रधानमंत्री को अब पूरी तरह यह समझ में आ गया है कि हिन्दू ही उनके मूल मतदाता हैं।
वैसे तो मोदी ने हमेशा अपने को सनातन के लिए समर्पित रखा है किन्तु अब उनकी राजनीतिक गतिविधियों में स्पष्ट दीख रहा है कि वे हर हाल में तुष्टिकरण के पूर्णतः विरोधी हैं।
राजस्थान चुनाव प्रचार के बाद मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि का दर्शन करना और मन्दिर के गर्भगृह में पूजन करना एक बहुत बड़ी घटना है।पूर्व के प्रधानमंत्री मथुरा तो आए हैं किन्तु किन्हीं को यह साहस नहीं हुआ कि वे श्री कृष्ण की जन्मभूमि पर आते। मोदी का खुलकर मन्दिरों में जाना तो तो मोदी की सामान्य गतिविधियों का एक हिस्सा हैI परन्तु अब वे उन धार्मिक स्थलों पर भी जा रहे हैं जिन्हें मुस्लिमों ने जबरन विवादास्पद बनाकर रखा है।
इस बार राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी ने सघन दौरा किया। कोई कोर कदर बाकी नहीं रखा यह बताने और जताने में कि भारत में सनातनियों की प्रबल बहुमत है और किसी भी स्थिति में उन्हें इग्नोर नहीं किया जा सकता है।
मोदी के इस विचार को हिन्दुओं ने अत्यधिक सराहा है।
मोदी योगी शाह हिमंता बिस्वा जैसों की टीम अब मुखर रूप से सनातन धर्म और भारत राष्ट्र के लिए खड़ी है।
अब हम सभी राष्ट्रवादियों सनातनियों भारत भूमि के धर्मों से सम्बंधित सभी को एकजुट होकर मोदी के पीछे पूरी ताकत से खड़े रहना है।
२०२४ का लोकसभा चुनाव महाभारत होगा।एक ओर मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र और धर्म को बचाने वालों की जमात होगी और दूसरी ओर सोनिया गैंग के नेतृत्व में राष्ट्र और धर्म के विरोधी लोग होंगे। इस युद्ध में जो तटस्थ होंगे वे भी राष्ट्र और धर्म के विरोधी ही माने जाएंगे।
पनपा "गोरखपुरी"