इस फुटेज से हम देख सकते हैं कि कैसे पहले मुस्लिम लड़कों ने रोड से हिंदुओं पर हमला किया और फिर हिंदुओं ने आत्मरक्षा में उनसे वह रोड छीन ली और उसी से मृतक पर हमला कर दिया जिससे इकबाल को चोट लग गई और अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। आखिर बाइक पर चलते हुए हुए भी यह हथियार लेकर क्यों चलते हैं? और छोटी-छोटी बातों पर यह क्यों लोगों पर हमलावर हो जाते हैं? आखिर यह चाहते क्या हैं? प्रशासन में हैं रोक क्यों नहीं पाता? आखिर क्यों यह भीड़ के माध्यम से कानून पर दबाव बनाकर अपने अनुसार कार्य करवाना चाहते हैं?
बाइक्स की भिड़ंत के बाद मुस्लिम लड़के ने दूसरे बाइक वाले पर हमला किया उसे मार और फिर जो इस लड़ाई को रुकवाने के लिए आए उन पर भी यह मुस्लिम लड़के बेखौफ होकर हमलावर हो गए। आखिर क्यों उनकी इस गंदी और घटिया सोच के बारे में कोई बात नहीं करता और क्यों इन पर लगाम लगाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए? अहिंसा की बातें करने वाले गांधी के पुजारी भी इन हिंसक लोगों के समर्थन में आखिर क्यों खड़े रहते हैं?
हिंदुओं की सुनियोजित मोब लिंचिंग हो या जनोसाइड लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ता पर एक मुस्लिम यदि किसी विवाद के कारण गलती से भी मर जाए या आत्मरक्षा में भी किसी हिंदू के हाथों मारा जाए तो मुस्लिम समुदाय इकट्ठा होकर पूरे शहर, राज्य या कहीं-कहीं तो पूरे देश को अशांत करने पर तुल जाते हैं। आखिर इन्हें ताकत कौन देता है? आखिर क्यों यह राजनेता इनकी ऐसी हरकतों को रोकने की बजाय बढ़ावा देते हैं?