मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब के पठानकोट में रविवार को लगे अपने दरबार में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने लोगों से धर्म परिवर्तन की साजिश के खिलाफ जागरूकता की अपील की। उन्होंने कहा कि विदेशी ताकतें मंदिरों और गुरुद्वारों में घुसना बंद करें। उन्होंने पंजाब में सक्रिय मिशनरियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वो भोले भाले हिन्दुओं को बरगलाना बंद करें। भारत को बाबर नहीं बल्कि रघुवर का देश बताते हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने सरकार से अपील की है कि वो धर्मान्तरण के खिलाफ बने कानून को और सख्त करें।
धीरेन्द्र शास्त्री ने भारत में हो रहे धर्मान्तरण के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताया। पंजाब को गुरुओं और वीरों की धरती बताते हुए बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने वहाँ जाना अपना सौभाग्य बताया। पंजाब की जनता को प्यार और बड़े दिलवाले बता कर धीरेन्द्र शास्त्री ने लोगों को गुरुनानक के दिखाए मार्ग पर चलने की अपील की।
एक वायरल वीडियो में उन्होंने कहा कि वो पंजाब में ‘हलीउल्लाह’ वालों को नहीं रहने देना चाहते हैं। ईसाई मिशनरियों द्वारा कराए जा रहे धर्मपरिवर्तन को पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने सनातन को मिटाने की साजिश करार दिया।
बता दें कि बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर की पठानकोट में 3 दिवसीय भागवत कथा है जहाँ वो 21 से 23 अक्टूबर तक रहेंगे। इस दौरे पर वो अमृतसर के स्वर्ण मंदिर और दुर्गियाना मंदिर भी गए और पूजा अर्चना की।
ईसाई समुदाय द्वारा पुलिस में शिकायत
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर के इस बयान पर पंजाब के ईसाई संगठनों ने नाराजगी जताई है। ऑल इंडिया क्रिश्चियन कमेटी ने इस मामले में अजनाला पुलिस में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।
विरोध करने वालों का कहना है कि पंडित शास्त्री ने उनके ‘हालेलुइया’ को ‘हलीउल्लाह’ कहा है जिस से उनकी भावनाएँ आहत हुईं हैं। शिकायत में पंडित शास्त्री के बयान को ईसाईयों का अपमान बताया गया है। साथ ही 2 दिन की समयसीमा देते हुए धीरेन्द्र शास्त्री को माफ़ी माँगने और बयान वापस लेने के लिए कहा गया है। 2 दिनों के बाद बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर के खिलाफ बड़े आंदोलन का ऐलान किया गया है।