विदेशी महमानो को राष्ट्रपति द्वारा दिये गए रात्रि भोज के मेनू मे 'सवा' या 'सांवा' का हलवा और "कोदो" का पुलाव भी था !
इसे गरीबों का भोजन माना जाता है यदि किसी के घर पर सांवा अरब कोदो बनता था तब लोग यही सोचते थे कि वह बेहद गरीब है
ये मोदी का ही करिश्मा है..
जिन्होंने गरीबों का अनाज कहे जाने वाले 'सवा' को भी वैश्विक बना दिया !
मोदी से बढ़कर मार्केटिंग गुरु कोई नहीं है !