सच भी है कानून का डर सनातन विरोधियों को कबसे होने लगा? कानून का डर तो तब होता है जब सर तन से जुदा वालों या मिशनरियों की गंदी करतूतों के विरुद्ध बोलने वालों को होता है।
हिंदुओं और सनातन धर्म के विरुद्ध बोलना कोई पहली बार नहीं है। छत्तीसगढ़ के कम बुकिंग बेस बघेल का बाप राम जी के विरुद्ध जहर उगलते रहता है समाजवादी पार्टी का नेता मौर्य लगातार अपनी गंदी सोच का प्रदर्शन करता रहता है और अनेकों संगठन तथा लोग हैं जो बाबा साहेब के नाम की आड़ में हिंदुओं और हिंदू धर्म के विरुद्ध अपनी मानसिक पीड़ा का प्रदर्शन करते रहते हैं। और ये सब इसलिए होता है क्योंकि हमारे देश का कानून हिंदुओं के और हिंदू धर्म, हिंदू धर्म ग्रंथो, हिंदू देवी देवताओं के विरुद्ध बोलने वालों के खिलाफ कोई कठोर कार्यवाही नहीं करता। लेकिन विचारणीय के हिंदू इसी कानून से न्याय की आशा करते हैं
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे ने सनातन धर्म की तुलना मच्छरों से की और इसे खत्म करने की बात कही अब सनातन धर्म को खत्म करने के लिए सनातन को मानने वालों को तो खत्म करना ही होगा लेकिन फिर भी ऐसी नरसंहार वाली बात करने पर भी इन लोगों के विरुद्ध कानून कोई कार्यवाही करेगा इसकी संभावनाएं कम ही है वैसे भी स्टालिन के बेटे ने साफ-साफ कहा ही दिया कि कानूनी कार्रवाई की धमकी से वह डरने वाला नहीं।
उदयनिधि ने कहा, “कुछ चीजें हैं जिनका हमें उन्मूलन करना है और हम केवल विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू, मलेरिया, कोरोना ये सभी चीजें हैं जिनका हम विरोध नहीं कर सकते, हमें इन्हें मिटाना है। सनातन भी ऐसा ही है। विरोध करने की जगह सनातन को ख़त्म करना हमारा पहला काम होना चाहिए।”
उन्होंने सवालिया लहज़े में पूछा, “सनातन क्या है? सनातन नाम संस्कृत से आया है। सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। सनातन का अर्थ ‘स्थायित्व’ के अलावा और कुछ नहीं है, जिसे बदला नहीं जा सकता। कोई भी सवाल नहीं उठा सकता। सनातन का यही अर्थ है।”
सोशल मीडिया साइट पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की लगातार माँग उठ रही है। इसी बीच ‘लीगल राइट्स ऑजरवेटरी- LRO’ नाम के एक एक्स हैंडल ने उदयनिधि पर कानूनी कार्रवाई की बात कही। LRO हैंडल ने लिखा, “हम चर्च के आदेश पर सनातन धर्म को बदनाम करने वाले गंदे मच्छरों को खत्म करने के लिए विभिन्न कानूनी उपाय तलाशेंगे! आप सज़ा से बचेंगे नहीं उदय स्टालिन।”
LRO के इस पोस्ट पर तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके सरकार में युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने जवाब दिया और कहा कि वे अपनी बात पर कायम हैं। उदयनिधि ने कहा कि वो धमकी से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने खुद को परियार-कलैग्नार का अनुयायी बताते हुए कहा कि जो है, उसे उन्होंने सामने रखा है। इससे उनकी सनातन धर्म को रोकने की भावना बिल्कुल कम नहीं होगी।
उदयनिधि ने LRO के जवाब में कहा, “मैं किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूँ। हम ऐसी भगवा धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हम पेरियार, अन्ना और कलैग्नार के अनुयायी हैं। हम माननीय मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के कुशल मार्गदर्शन में सामाजिक न्याय को बनाए रखने और एक समतावादी समाज की स्थापना के लिए हमेशा लड़ते रहेंगे। मैं आज, कल और सदैव यही कहूँगा- द्रविड़ भूमि से सनातन धर्म को रोकने का हमारा संकल्प रत्ती भर भी कम नहीं होगा।”
स्टालिन और इस जैसे अनेकों सनातन धर्म को खत्म करने की चाह रखने वाले समझ लें की सनातन का अर्थ ही यह होता है कि ना वह उत्पन्न हुआ और ना ही उसका विनाश संभव है लेकिन उसका विनाश चाहने बालों का सर्वनाश होने से कोई नहीं रोक सकता।
सच्चे सनातनियों को इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि जितने सनातन विरोधी है वह सारे इस नए ठगबंधन I.N.D.I.A के हिस्से हैं अगर आप सनातन का सम्मान करते हो और सनातन के हित की बात करते हो तो आप इस ठगबंधन को ना वोट दे सकते हो और ना ही अपनों को उसे वोट देने दे सकते हो यही वर्तमान समय की सबसे बड़ी ताकत है जो हमें 2024 में दिखानी है और इन सनातन को खत्म करने के चाह रखने वालों का सर्वनाश बस एक उंगली से सुनिश्चित करनी है