सभी को पता है की G 20 के आमंत्रण में "प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया" नहीं "प्रेसिडेंट ऑफ भारत" लिखा था जिसके बाद अनेकों अंग्रेजों के गुलाम तिलमिला उठे थे, रातों को नींद हराम हो गए थी, आपिये तो मानों पागल ही हो गए। अब उसी G 20 में प्रधानमंत्री की पहचान करने वाली पहचान प्लेट पर इंडिया नहीं भारत लिखा है और ये बात अब उन बवासीर के शिकार लोगों को खून के दस्त करवाएगी..
ध्यान से समझा जाए तो यह एक बहुत बड़ी स्ट्रेटजी है और यह स्ट्रेटजी हिंदुओं को सीखनी चाहिए तथा इसका प्रयोग करना चाहिए। जरूरी नहीं है कि संविधान में नाम को बदला जाए, लेकिन यदि आपने साधारण बोलचाल में भारत बोलना और लिखना शुरू कर दिया जो कि गलत बिल्कुल नहीं है तो आने वाले कुछ समय में लोग भारत को भारत के ही नाम से जानेंगे भले ही पेपर्स में कुछ भी लिखा हो.. बस कुछ इसी तरह जो हिंदू चाहते हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र के नाम से जाना जाए वह जहां भी संभव हो देश का नाम लिखते समय आगे हिंदू राष्ट्र अवश्य लिखें और देखें कि आने वाले समय में इससे कितना बड़ा बदलाव आ सकता है
तो आजा जहां भी भारत लिखना हो वहां लिखें "हिंदू राष्ट्र भारत"। लिखेंगे न???