भारत 🇮🇳 जी 20 मे लगा हुआ है वहाँ तालिबान ने पाकिस्तान 🇵🇰 के जिले चित्राल पर कब्जा कर लिया है। सेना जिला छोड़कर भाग गई और कई लोग बंदी बना लिये गए है।
लेकिन तालिबान के लिये सफर इतना आसान नही है, एक जिले पर कायम करने और पूरे पाकिस्तान पर कायम करने में बड़ा अंतर है। जैसे भारत मे 32 राज्य है वैसे पाकिस्तान में 4 है, खैबर पख्तूनख्वा चौथा प्रांत है जो अफगानिस्तान से टिका हुआ है और अफगानिस्तान इसे अपना अंग मानता है।
शायद बहुत लोगो को ये नही पता कि अफगानिस्तान तो तालिबान की सिर्फ कर्मभूमि है जन्मभूमि तो पाकिस्तान ही है और इसी खैबर पख्तूनख्वा में उस सोच का जन्म हुआ था। अफगानिस्तान पर तो देर सबेर उनका कब्जा हो गया लेकिन अब उन्हें पाकिस्तान पर कब्जा करना है।
पाकिस्तान को लगता था कि वो तालिबान की माँ है तो तालिबान उसका सगा रहेगा लेकिन तालिबान तो फिर तालिबान है। पिछले दो सालों से तालिबान ने अनगिनत आतंकवादी हमले पाकिस्तान में किये है, शहबाज शरीफ ने तालिबान की खबरों को सेंसर करवाया था इसलिए हम तक ये खबरे नही पहुँच पा रही थी और आज देखिये पहुँची तो ऐसी पहुँची।
हालांकि पाकिस्तान की सेना सक्षम है कि तालिबान को इस जिले से आज नही तो कल खदेड़ देगी, लेकिन आज तालिबान ने पाकिस्तान में पैर जमाने की कला सीख ली है। वो लगातार हमले करता रहेगा, पाकिस्तान में बेरोजगारी इतनी ज्यादा है की तालिबान को नई भर्ती करने में कोई बड़ी दिक्कत नही आती।
पाकिस्तान के सैन्य कमांडर अमीर है लेकिन साधारण सैनिक गरीब ही है, तालिबान इन्हें थोड़े बहुत बड़े वादे करके भी लुभा लेता है। दूसरी बात तालिबान पाकिस्तान के लोगो के बीच मे रहता है ना कि सीमा पार, अफगानिस्तान पर तो बम गिरा लोगे लेकिन लाहौर कराँची में क्या करोगे?
पाकिस्तान में गृहयुद्ध के हालात है लोग आपस मे मर मिटेंगे, खस्ताहाल पाकिस्तान खानाबदोशी की ओर बढ़ेगा। इसके लिये हम पाकिस्तान के ही ऋणी है जिसने तालिबान बनाया उसे दूध पिलाया ताकि हमारी जरूरत पड़ने पर वो पाकिस्तान को ही खा सके।