G20 से मिला चीन को दर्द,बोखला गए कांग्रेसी और “लेफ्ट लिबरल कबाड़ी”
चीन का एजेंडा कभी नेहरू ने चलाया और अब उसके चेले चपाटे” चलाते हैं भारत में,
फिर किस बात की चिंता है -
भारत के नेतृत्व में G20 के सफल आयोजन से जैसे कांग्रेस और “लेफ्ट लिबरल कबाड़ी” परेशान हैं वैसे ही उनका आका चीन भी परेशान है - सबसे बड़ी बात तो इस सम्मेलन में हुई कि G20 का घोषणा पत्र सर्वसम्मति से जारी हो गया जबकि कांग्रेस के नेता और “लेफ्ट लिबरल कबाड़ी” ढोल पीट रहे थे कि मोदी Declaration जारी ही नहीं करा सकेंगे - इस Declaration का भी समर्थन करने के लिए चीन मजबूर हो गया -
लेफ्ट लिबरल गैंग के Ecosystem को चलाने वाले पत्रकारों को अब “लेफ्ट लिबरल कबाड़ी” कहना शुरू कर देना चाहिए - चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने G20 के ठीक कुछ दिन पहले अपने देश का “मनघडंत” नक्शा जारी करके खुद को वैश्विक स्तर पर अलग थलग कर लिया और इसी कारण वह खुद सम्मेलन में नहीं आ सका, अपने प्रधानमंत्री ली क्वांग को भेज दिया जो भारत के कुछ किए बिना ही Isolate ही रहा -
यह हर कोई जानता है चीन काफी समय से अफ्रीकी देशों को कर्ज के जाल में फंसाकर लपेटने में लगा था और उनके संसाधनों पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा था - लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मास्टर स्ट्रोक ने अफ़्रीकी यूनियन के 55 देशों को G20 में शामिल करवा कर चीन पर जैसे कुठाराघात कर दिया
146 करोड़ जनसंख्या वाले देशों को वैश्विक मंच का सदस्य बनाना कोई छोटा मोटा काम नहीं है जबकि कांग्रेसी मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले से कहते रहे थे कि मोदी को विदेश नीति का पता ही क्या है - लेकिन आज मोदी वैश्विक मंच पर जहां खड़े होते हैं, लाइन उनके पीछे लग जाती है
दूसरी गंभीर चुनौती चीन को दी गई है भारत के पहल पर भारत, सऊदी अरब, UAE, EU और 20 देशों के बीच shipping and rail transportation corridor बनाने का फैसला हुआ जिससे चीन की Belt & Road (BRI) को झटका लगना तय है - इटली की तरफ से चीन की BRI से बाहर होने के संकेत भी दे दिए गए हैं और अन्य देश भी इस परियोजना से निकल सकते हैं - इस कॉरिडोर का लाभ भारत को होना तय है और यह चीन के दर्द का कारण है-
इसके अलावा भारत की ही पहल पर Global Biofuel Alliance बनाया गया है भारत के अलावा अमेरिका, ब्राजील अर्जेंटीना, बांग्लादेश, इटली, मॉरीशस, साउथ अफ्रीका सदस्य हैं और UAE, कनाडा और सिंगापुर Observer हैं - इस Alliance का लक्ष्य पेट्रोल में Ethanol की blending कर तेल की खपत कम करना है -
चीन ने आरोप लगाया है कि G20 के जरिए भारत ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ा दिया और हमारे हितों को नुकसान पहुंचा दिया -
चीन ने क्या समझा था कि भारत उसके “विस्तारवादी” एजेंडे को आगे बढ़ाता - भारत ने G20 के सामने लक्ष्य रखा था - 'Vasudhaiva Kutumbakam - One Earth, One Family, One Future' जबकि चीन का लक्ष्य केवल चीन ही होता है - अलबत्ता हमारे वसुदेव कुटुंबकम में पाकिस्तान और चीन अपनी जगह नहीं बना पा रहे -
चीन को याद रखना चाहिए कि भारत में अब मोदी है, चीन का हित साधने वाला नेहरू नहीं जिसने UNSC की स्थायी सदस्यता veto power के साथ तुम्हें दे दी, तिब्बत दे दिया और 40 हजार वर्ग किलोमीटर भूमि दे दी
आज चीन का हित आगे बढ़ा रहा है उसी नेहरू का नाती राहुल गांधी, उसके साथ साइन किया हुआ चीन का MOU और Newsclick में बैठे भांड पत्रकार जो चीन से पैसा खाते हैं - चीन को फिर भारत से शिकायत क्यों?
(सुभाष चन्द्र)