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कुछ लोग कहते हैं या मानते हैं की ये भी अंग्रेजो की द-लाल इल्लु एजेन्ट में से एक थीं। और कहते हैं की इन एजेंटो को हमेशा इतिहास में महान बताया गया है जबकि हकीकत इससे उलट होती थी। पहले तथ्य को पढ़िए समझिए फिर तय करिये की हम गलत हैं या सही!
मित्रो, जैसा कि हमे आजतक किताबो में पढ़ाया सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर सनातन धर्म में फैली कुप्रथाओं के विरुद्ध आवाज उठाई थी और स्त्री अधिकारों एवं स्त्रियों के शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए थे।
इनका जन्म 3 जनवरी 1831 को नायगाव महाराष्ट्र में हुआ था एवं मृत्यु 10 मार्च 1897 को पुणे में हुई थी।
इनके बारे में पहला बड़ा भ्रम या झूठ फैलाया गया कि इन्होंने स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार दिलाया था तो जानकारी के लिए बता दें तंजावर के महाराज सरफॉजी भौंसले ने 1805 में कन्या विद्यालय प्रारम्भ किया था जिसमे महिला शिक्षिकाओं की भी नियुक्ति की थी।
जबकि सावित्री बाई फुले का जन्म ही 1831 में हुआ था अब आप ही बताइए कि 1805 पहले आता है या 1831?
सिर्फ तंजावर के महाराज ने ही कन्या शाला प्रारम्भ नही की थी बल्कि 1829 में सिंथिया फरार नाम की मिशनरी महिला द्वारा मुम्बई में एक गर्ल्स मिशनरी स्कूल चलाया जा रहा था तथा बंगाल में 1847 कालीकृष्ण नाम की कन्या शाला चल रही थी।
बाकी 1835 से पहले भारत में शिक्षा दर लगभग सौ फीसद थी प्रमाण के लिए धर्मपाल जी की पुस्तक 'द ब्यूटीफुल ट्री' पढ़ सकते हैं।
दूसरा तथ्य,
लार्ड मैकाले ने खुद 1832 में भारत की शिक्षा व्यवस्था के लिए इंग्लैंड की संसद भवन में बोला था कि भारत 100% शिक्षित लोग हैं। उसने कोई स्त्री पुरुष का अनुपात नही बताया था और न ही ऐसा कोई अनुपात था।
झूठे व्यक्तित्व के लिए कोई आवाज नहीं निकालता है वास्तव में भारतीय अपना इतिहास भूल जाते हैं अरे उन्नसवीं शताब्दी में भारत के प्रत्येक मंदिर में एक गुरुकुल होता था तो खुद सोचिए हम अशिक्षित कैसे हो सकते थे? गार्गी, अपाला, लोपामुद्रा, रानी लक्ष्मीबाई इत्यादि कितनी विदुषी स्त्रियाँ इस भारत भूमि में हुई हैं जिनके सामने अच्छे अच्छे मठाधीश नहीं टिकते थे।
तो मित्रो, झूठे व्यक्तित्व झूठे तथ्यों को नकारना शुरु करिये जिससे हमारा इतिहास झूठलाया जाता है।
गर्ल्स स्कूल जयपुर, राजस्थान में 1813 में ऐसे स्कूल चलते थे सावित्रीबाई फुले के पैदा होने से पहले!