#शुभ_रात्रि
वसुधैव कुटुंबकम् भारतीय जीवन दर्शन का सार वाक्य है। हर भारतीय इस पर गर्व करता है। विश्व बंधुत्व की भावना को प्रगाढ़ करने वाले इस सूत्र वाक्य के मूल तथा भारतीय दर्शन की गहराई को दुनिया ने समझ लिया है और इसे बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इन प्रयासों ने वसुधैव कुटुंबकम् को विश्व भर में तेजी से लोकप्रिय बनाने का काम किया है। भारतीय संस्कृति में हजारों वर्ष पहले से ही शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और बंधुत्व की भावना के महत्व को समझ लिया गया था। वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना उसी ओर इंगित करती है, अब इसकी बढ़ती प्रासंगिकता और जरूरत ने भारतीय संस्कृति और साहित्य की ओर भी विश्व का ध्यान आकृष्ट करने का काम किया है। सभी भारतीय विचार पद्धति की दूरदर्शिता से बेहद प्रभावित हैं। वसुधैव कुटुंबकम् का विचार भारतीय दर्शन को वैश्विक स्तर पर और सशक्त बनाने का कार्य कर रहा है। समूची दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम भारतीयता की पहचान स्थापित कर रहा है। वसुधैव कुटुंबकम का दर्शन पारस्परिक सद्भाव, गरिमा और जवाबदेही को प्रोत्साहित करता है। वसुधैव कुटुंबकम की भावना स्थिरता, समझ और शांति को पोषित कर संसार को बेहतर बनाने की क्षमता रखती है। इस अवधारणा को अपनाकर हम सभी के लिए एक बेहतर, अधिक समावेशी और सामंजस्यपूर्ण दुनिया बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं।
वसुधैव कुटुंबकम की भावना को पोषित करने की आवश्यकता सदैव रही है पर इसकी आवश्यकता इस समय में पहले से कहीं अधिक है। समय की जरूरत को देखते हुए इसके महत्व से भावी नागरिकों को अवगत कराने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
वसुधैव कुटुंबकम एक संस्कृत वाक्यांश है जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है"। यह महा उपनिषद् से लिया गया है। वसुधैव कुटुंबकम वह दार्शनिक अवधारणा है जो सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर संबंध के विचार को पोषित करती है। यह वाक्यांश संदेश देता है कि प्रत्येक व्यक्ति वैश्विक समुदाय का सदस्य है और हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, सभी की गरिमा का ध्यान रखने के साथ ही सबके प्रति दयाभाव रखना चाहिए। यह सिद्धांत विविधता को अपनाने और सभी देशों और संस्कृतियों के बीच शांति, एकता और सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देता है। वैश्विक महाशक्ति बनने को आतुर देशों के कारण वैश्विक शांति पर बहुत बड़ा खतरा बहुत मंडरा रहा है। आपस में मजबूती से जुड़ी हुई इस दुनिया में अब वसुधैव कुटुंबकम का संदेश पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। गरीबी, असमानता और संघर्ष जैसी चुनौतियां मुंह फैलाकर पूरी दुनिया को निगलने के लिए तैयार खड़ी हैं।
वसुधैव कुटुंबकम का सही अर्थ सार्वभौमिक भाईचारे और सभी प्राणियों के परस्पर जुड़ाव के सार को समाहित करता है। यह प्राचीन भारतीय दर्शन के इस विचार पर प्रकाश डालता है कि संपूर्ण विश्व एक बड़ा परिवार है, जहां हर व्यक्ति इस परिवार का एक सदस्य है, चाहे उसकी नस्ल, धर्म, राष्ट्रीयता या जातीयता कुछ भी हो। वसुधैव कुटुंबकम वाक्यांश इस विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है कि हमें सभी के साथ दया, करुणा और सम्मान के साथ व्यवहार करना चाहिए और शांति और सद्भाव के साथ रहने का प्रयास करते रहना चाहिए।
. 🚩हर हर महादेव🚩