हाल ही की अलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था की बाइबल बांटना, गांव वालों को एक स्थान पर इकट्ठा करना, भंडारा करना कोई धर्मांतरण नहीं है... तो क्या अब 50000 और घर की लालच देना भी .....? ईसाई मिशनरीया और जेहादी लगातार अपने सुनियोजित एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं , और हमारे देश का कानून इन्हें रोकने में असमर्थ है, नेता तो वोट बैंक के चक्कर में इन्हें सपोर्ट करते हैं।
मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर का है जहां चर्च में हिंदुओं के धर्मांतरण का खेल चल रहा था। चर्च पर एक नाबालिक के धर्मांतरण का आरोप लगा है। इस खेल की सूचना बजरंग दल को मिली तो उन्होंने जाकर मामले को उजागर किया। जानकारी के अनुशार नाबालिक पर धर्मांतरण का दबाव बनाया जा रहा था, उसे लालच दिया जा रहा था की ईसाई बनने पर उसे 50000 दिए जायेंगे और पूरे परिवार के धर्मांतरित होने पर घर देने की बात की जा रही थी।
क्या यही है ईसाई बनाने का तरीका? क्या ये तरीका किसी धर्म का हो सकता है या ये साफ साफ अधर्म है। हिंदुओं को चाहिए कि वह अपने धर्म को समझें इसका पालन करें और जिहादियों तथा मिशनरियों से सावधान रहे।
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मामला कानपुर नगर जिले के थाना क्षेत्र स्वरूपनगर का है। रविवार को यहाँ 17 वर्षीय एक नाबालिग ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में पीड़ित ने बताया कि कुछ दिनों पहले उसे एक चर्च से ईसाई बनने का लालच दिया गया था। यह लालच चर्च के पादरी आनंद डेनियल ने दिया था।
डेनियल पर आरोप है कि उसने नाबालिग को ईसाई बनने पर 50 हजार रुपए देने का लालच दिया था। इसके साथ ही पूरे परिवार के धर्मान्तरण करने पर एक घर देने की बात कही थी। शिकायत के अंत में यह भी बताया गया है कि पीड़ित के बार-बार मना करने के बावजूद आनंद डेनियल उस पर लगातार दबाव बना रहा था।
ऑपइंडिया के पास शिकायत कॉपी मौजूद है। घटना की जानकारी मिलने पर बजरंग दल के पदाधिकारी चर्च के बाहर पहुँच गए। उन्होंने आरोपित पादरी की गिरफ्तारी की माँग उठानी शुरू कर दी। बजरंग दल पदाधिकारी कृष्णा तिवारी ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया कि चर्च के अंदर आपत्तिजनक साहित्य बरामद हुए हैं।
तिवारी ने कुछ सीनियर अधिकारियों पर पादरी को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है। उनका दावा है कि जब बजरंग दल वाले और पुलिस टीम चर्च पर पहुँची थी तब आनंद डेनियल बार-बार अपना फोन निकाल कर किसी सीनियर अधिकारी से बात कराने की कोशिश कर रहा था।
बकौल तिवारी, आरोपित आनंद डेनियल दक्षिण भारत के किसी हिस्से से साल 2008 में आया था। फिर उसने एक मकान को धीरे-धीरे चर्च में बदल दिया। कृष्णा तिवारी ने हमें बताया कि जब उन्होंने चर्च के रजिस्टर को देखा तो उसमें प्रार्थना के नाम पर आने वाले कई हिन्दुओं के नाम दर्ज थे।
तिवारी ने चर्च और पादरी पर गैरकानूनी धर्मान्तरण में शामिल होने का आरोप लगाते हुए लोगों से कार्रवाई की माँग में सहयोग की अपील भी की। इस शिकायत पर कानपुर नगर पुलिस के सीनियर अधिकारियों ने SHO स्वरूप नगर को जाँच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ACP के मुताबिक, दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ तहरीर दी है जिस पर जाँच चल रही है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
आरोपित पादरी पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन की धारा 3/5 (1) के तहत FIR दर्ज कर ली गई है।