कहने वाले तो आज भी नहीं मानेंगे और कहते रहेंगे कि मोदी/बीजेपी सरकार ने देश को अडानी/अंबानी के हाथों बेच /गिरवी रख दिया! पर यहाँ तो यही कहा/दिखाया/बताया जा रहा है कि पिछले मात्र तीन सालों में ही भारतीय रिज़र्व बैंक ने सोने के भंडार में 137 टन सोना ख़रीदा/जोड़ा, जिसे दुनिया भर में संकट का साथी माना जाता है!
पिछली सरकारों ने तो अपनी अपनी जेबें भरने के लिए कई हज़ार टन सोना गिरवी रख दिया था, जिसे न केवल छुड़वा कर वापस लाया गया बल्कि लाखों करोड़ों रुपये के तेल उत्पादक देशों के लाखों करोड़ों रुपये के बकाया क़र्ज़ चुका कर भी देश की सुरक्षा को कई गुणा बढ़ा दिया गया है।
चहुँओर विकास ही विकास की नदियाँ बहती दिखाई देती हैं।फिर कोई माने या न माने!
चमच्चों का क्या, उनका पिछवाड़ा तो 2014 से लगातार ही सुलग रहा है।