अग्निहोत्र एक प्राचीन परंपरा रही है जो वर्तमान में बहुत सीमित होकर रह गई है। अनेकों लोगों ने तो इसका नाम ही नहीं सुना होता और अनेकों को इसके नाम के अलावा कोई खास जानकारी नहीं होती ,जबकि ये एक अनिवार्य कर्म है सभी सनातनियों के लिए और यदि सनातनी इस कर्म को पुनः करने लग जाएं तो समस्त समस्याओं का अंत हो जाएगा। वीडियो जरूर देखें👇 धर्म जागरण किट
अग्निहोत्र पर्यावरण के लिए अत्यंय लाभकारी है, साथ ही हमारे तन मन पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, हमारी बुद्धि को ठीक करता है और धर्म को मजबूती प्रदान करता है ताकि वो अधर्म का नाश कर सके
वेदकाल से भारत में यज्ञकर्म किए जाते हैं। भारतीय संस्कृति में यज्ञयागों का आध्यात्मिक लाभ तो है ही, परंतु वैज्ञानिक स्तर पर भी अनेक लाभ होते हैं, यह अब विज्ञान द्वारा सिद्ध हो रहा है। इसमें एक सहज सरल और प्रतिदिन किया जानेवाला यज्ञ है अग्निहोत्र।
अग्निहोत्र नियमित करने से वातावरण की बडी मात्रा में शुद्धि होती है। इतना ही नहीं, उसे करने वाले व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि भी होती है साथ ही वास्तु और पर्यावरण की भी रक्षा होती है।
अग्निहोत्र के कारण निर्माण होने वाले औषधियुक्त वातावरण के कारण रोगकारक किटाणुओं के बढने पर प्रतिबंध लगता है तथा उनका अस्तित्व नष्ट होने में सहायता होती है। इसलिए ही वर्तमान में जगभर में उत्पात मचाने वाले ‘कोरोना वायरस’ के संकट पर ‘अग्निहोत्र’ एक रामबाण उपाय हो सकता है।
अग्निहोत्र करने के लिए किसी भी पुरोहित को बुलाने की, दान धर्म करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके लिए कोई भी बंधन नहीं है। सामान्य व्यक्ति यह विधि घर, खेत, कार्यालय में मात्र 10 मिनट में कहीं भी कर सकता है। इसका खर्च भी अत्यल्प है। अग्निहोत्र नित्य करने से धर्माचरण तो होगा ही, परंतु पर्यावरण के साथ ही समाज की भी रक्षा होगी।
अग्निहोत्र’ के संदर्भ में अनेक वैज्ञानिक प्रयोग किए गए हैं। उसकी विपुल जानकारी इंटरनेट के माध्यम से हम प्राप्त कर सकते हैं। फ्रान्स के ट्रेले नाम के वैज्ञानिक ने हवन पर किए अनुसंधान में हवन करने से वातावरण में 96 प्रतिशत घातक विषाणु और किटाणु कम होना दिखाई दिया है; उस विषय में ‘एथ्नोफार्माकोलॉजी 2007’ के जर्नल में शोधनिबंध प्रकाशित हुआ था।
अग्निहोत्र की विभूति किटाणूनाशक होने से घाव, त्वचारोग इत्यादि के लिए अत्यंत उपयुक्त है। पानी के किटाणु और क्षार का प्रमाण 80 से 90 प्रतिशत कम करती है। इसलिए अमरीका, इंग्लैंड, फ्रान्स जैसे 70 देशों ने अग्निहोत्र का स्वीकार किया है।
कैसे करें अग्निहोत्र??
सर्वसाधारण तरीका जिससे हर कोई करे और पर्यावरण तथा तन मन को स्वस्थ सुरक्षित बनाये
देशी गाय माता के उपले पर घी ओर देशी कपूर (भीमसेनि) डालकर अग्नि से प्रज्वलित करें,
अग्नि प्रज्वलित कर हवन सामग्री, अथवा घी में मिलाएं अक्षत से आहुति दीजिये
सूर्योदयके समय
१. सूर्याय स्वाहा सूर्याय इदम् न मम
२. प्रजापतये स्वाहा प्रजापतये इदम् न मम
सूर्यास्तके समय
१. अग्नये स्वाहा अग्नये इदम् न मम
२. प्रजापतये स्वाहा प्रजापतये इदम् न मम’
👉अग्निहोत्र के लिए आवश्यक सामग्री
२ चुटकी अखंड अक्षत
गाय का घी
देशी कपूर
निश्चित माप का अर्ध पिरामिड के आकार का ताम्रपात्
गाय के गोबर के उपले
अग्नि का स्रोत (दियासलाई
आप प्रशासक समिति द्वारा तैयार धर्म जागरण किट का भी प्रयोग कर सकते हैं, जिसमें आपको पूरे माह नानी हवन करने की संपूर्ण सामग्री (हवन वेदी, रुई की बत्ती, हवन दीपक, शुद्ध हवन सामग्री) और प्रतिदिन के 2 के हिसाब से 60 शुद्ध देशी गौमाता के गोबर और जड़ी बूटियों से निर्मित धूप मिलेगी, साथ ही एक डिब्बी भीम सैनी कपूर, चंदन, कलावा भी किट में होगा।
आइये रोज अग्निहोत्र कर पर्यावरण और समाज कल्याण में सहभागी बनें और जीवाणु - विषाणु (वाइरस) आदि को नष्ट करें, धर्म को मजबूत करें अधर्म का नाश करें।
जय सत्य सनातन
हर हर महादेव
जय श्री🙏 राम
ReplyDelete*🙏🌹राम राम🌹🙏*
*प्रेम एक ऐसी चीज है जो हारे हुए व्यक्ति को भी जीता देती है।*
*लेकिन घृणा एक पूरी तरह से सफ़ल हुए व्यक्ति को भी नीचे गिरा देती है।*
*🙏_🌹राम राम 🌹_🙏*
*༺꧁Զเधॆ Զเधॆ꧂༻*
Jay shri ram
ReplyDeleteजय श्री राम
ReplyDeleteजय श्री राम
ReplyDeleteजय श्री राम जय हिंदू राष्ट्र
ReplyDeleteजय सनातन धर्म संस्कृति की 🚩🚩
ReplyDeleteहर हर महादेव 🔱
जय श्रीराम!
जय हो सनातन धर्म की भारत माता की जय वंदे मातरम
ReplyDeleteअग्निहोत्र किट कैसे मंगवा सकते है।
ReplyDeleteहर हर महादेव जय श्री राम
ReplyDeleteजय श्रीराम
ReplyDeleteजय श्री राम
ReplyDeleteजय श्री राम🚩
ReplyDeleteHar Har mahadev 🙏
ReplyDeleteजय श्रीराम 🙏🏼🕉️🚩💐
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